Book Title: Sutra Vyakhayan Vidhi Shatakam
Author(s): Dharmsagar Gani, Labhsagar
Publisher: Mithabhai Kalyanchand Pedhi

View full book text
Previous | Next

Page 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org प्रकाशकीय निवेदन | - Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प०पू० गच्छाधिपति आ० श्री माणिक्यसागरसूरीश्वरजी महाराज आदि ठाणां वि० सं० २०१० ना वर्षे कपडवंजशहरमा मीठाभाइ गुलालचन्दना उपाश्रये चातुर्मास बीराज्या हता आ अवसरे तेओश्रीना पवित्र आशीर्वादे आगमोद्धारकग्रन्थमालानी स्थापना थएली हती । आ ग्रन्थमालाए त्यारबाद प्रकाशनोनी प्रगति ठीक-ठीक करीछे । तेओश्रीनी पुण्यकृपाए आ 'सूत्र व्याख्यान विधिशतक' नामना ग्रन्थने आगमोद्धारक ग्रन्थमालाना १७ मा रत्नतरीके प्रगट करतां अमने बहु हर्ष थाय छे I आनी प्रेसकोपी मुनिवर्य श्री लाभसागरजी महाराजजीए करेली छे तेमज आनुं संशोधन प० पू० गच्छाधिपति आ० श्री० माणिक्यसागरसूरिजीनी पवित्रदृष्टि नीचे तेओश्रीए करेल छे, ते बदल तेओश्रीनो तेमज जेओए आना प्रकाशनमां द्रव्य तथा प्रति आपवानी सहाय करीछे ते बधानो आभार मानीए वीए । लि० रमणलाल जयचन्द For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 122