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विधिपक्ष अपरनाम अंचलगच्छ (अचलगच्छ) का संक्षिप्त इतिहास
: ११५
सिंहतिलकसूरि
(वि० सं० १३९५ में स्वर्गस्थ)
महेन्द्रप्रभसूरि
(वि०सं० १४४४ में स्वर्गस्थ)
मेरुतुंगसूरि
(वि० सं० १४७१ में स्वर्गस्थ)
जयकीर्तिसूरि
(वि०सं० १५०० में स्वर्गस्थ)
जयकेशरीसूरि
(वि०सं० १५४१ में स्वर्गस्थ)
सिद्धान्तसागरसूरि (वि० सं० १५६० में स्वर्गस्थ)
भावसागरसूरि
(वि०सं० १५८३ में स्वर्गस्थ)
गुणनिधानसूरि
(वि०सं० १६०२ में स्वर्गस्थ)
धर्ममूर्तिसूरि
(वि०सं० १६७० में स्वर्गस्थ)
कल्याणसागरसूरि (वि०सं० १७१८ में स्वर्गस्थ)
अमरसागरसूरि
(वि०सं० १७६२ में स्वर्गस्थ)
विद्यासागरसूरि
(वि०सं० १७९७ में स्वर्गस्थ)
उदयसागरसूरि
(वि० सं० १८२६ में स्वर्गस्थ)
कीर्तिसागरसूरि
(वि०सं० १८४३ में स्वर्गस्थ)
पुण्यसागरसूरि
(वि०सं० १८७० में स्वर्गस्थ)
राजेन्द्रसागरसूरि
(वि०सं० १८९२ में स्वर्गस्थ)
मुक्तिसागरसूरि
(वि०सं० १९१४ में स्वर्गस्थ)
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