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गुणनिधानसूरि
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१३६ :
धर्ममूर्तिसूरि
हर्षनिधान (रत्नसंचय के रचनाकार)
हेमशील
भानुलब्धि
उपाध्यायविमलमूर्ति
वा० रत्नप्रभ
सहजरत्न कल्याणसागरसूरि (वि.सं.१६०५ (पट्टधर)
मेघराज
वा० गुणमूर्ति
मूलावाचक (वि.सं. १६२४
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विजयशील (वि.सं. १६४१ में
उत्तमचरितऋषिराजचौपाई
के कर्ता)
श्रमण/अप्रैल-जून/१९९९
(सत्तरभेदीपूजा
के कर्ता)
वैराग्यवीनती के रचनाकार)
गजसुकुमालसंधि
के कर्ता)
जसकीर्ति
दयाशील (वि.सं. १६७० के पश्चात् (वि.सं. १६६४ के आस-पास सम्मेतशिखररास अन्तरंगकुटुम्बगीत के कर्ता)
कायाकुटुम्बसज्झायस्तवन
के कर्ता)
पं० ज्ञानमूर्ति (वि.सं. १६९४ में रूपसेनराजर्षिचौपाई
के रचनाकार)
एवं
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