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श्रमण/अप्रैल-जून/१९९९
के नैतिक उत्थान के लिये आप सतत् प्रयत्नशील रहे। आपश्री के उपदेश बड़े ही मार्मिक होने से हृदयग्राही होते थे। अभी कुछ वर्ष पूर्व आपने तिहाड़ जेल में बंदियों के बीच बड़ा ही मार्मिक प्रवचन दिया था।
पार्श्वनाथ विद्यापीठ के निदेशक प्रो०सागरमल जी जैन और विद्यापीठ की संचालक समिति के पदाधिकारियों से आपका अत्यन्त निकट का सम्बन्ध रहा। आप सदैव विद्यापीठ की गतिविधियों में रुचि लेते हए उसके विकास के प्रति प्रयत्नशील रहे। अभी पिछले वर्ष नवम्बर में आपकी प्रेरणा से ही इन्दौर में पार्श्वनाथ विद्यापीठ की एक शाखा का शुभारम्भ हुआ है। २०वीं शती के महान् विचारक, शान्तिदूत, विद्वद्रत्न आचार्य सम्राट श्रीदेवेन्द्र मुनि जी महाराज के आकस्मिक निधन पर पार्श्वनाथ विद्यापीठ परिवार अश्रुपूरित नेत्रों से उन्हें अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके बताये हुए मार्ग पर चलने का संकल्प लेता है।
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