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श्रमण/अप्रैल-जून/१९९९
साथ मना पाना प्राय: असम्भव है। इस असम्भव को सम्भव बनाया है आज के मुस्लिम समुदाय ने। जैसाकि हम सभी जानते हैं इस बार महावीर जयन्ती और इद-उल-जुहा (बकरीद) साथ-साथ एक ही दिन पड़े। महावीर जयन्ती के अवसर पर सम्पूर्ण जैन समाज ने एक स्वर से उस दिन हिंसा न करने के लिये मुस्लिम समाज से मार्मिक निवेदन किया फलस्वरूप देश के विभिन्न स्थानों पर उस दिन मुस्लिम भाइयों ने पशुवध रोक कर साम्प्रदायिक सौहार्द की एक नई मिशाल पेश की। यदि अन्यान्य धर्मों में भी परस्पर इसी प्रकार की समझदारी उत्पन्न हो जाये और वे एक दूसरे के धर्मस्थानों एवं परम्पराओं को अपने ही धर्मस्थानों एवं परम्पराओं की भांति पवित्र और महान् मानने लगें तो यह धरती सचमुच स्वर्ग तुल्य बन जाये।
| फरीदाबाद में महावीर जयनी सम्पन्न फरीदाबाद १० अप्रैल : जैन संघ, फरीदाबाद के तत्त्वावधान में आत्मानन्द जैन सभा के सौजन्य से स्थानीय श्री आत्मवल्लभ जैन उपाश्रय में वहाँ विराजित पू० महासती श्री कुशल कुंवर जी ठाणा-५ की पावन निश्रा में दि० २९ मार्चको अत्यन्त धूम-धाम से महावीर जयन्ती समारोह मनाया गया। इस समारोह में श्री वल्लभ स्मारक, दिल्ली स्थित भोगीलाल लहरचंद इंस्टिट्यूट ऑफ इण्डोलाजी के निदेशक प्रो० विमल प्रकाश जैन मुख्य अतिथि के रूप में पधारे। महावीर जयन्ती के अवसर पर समस्त जैन समुदाय के आग्रह पर फरीदाबाद के मुस्लिम समाज ने अपने महान् पर्व बकरीद को पूर्णत: अहिंसक रूप में मनाते हुए एक ऐतिहासिक मिशाल कायम की। इसी अवसर पर स्थानीय जनसेवी संस्था महावीर इण्टरनेशनल द्वारा २८ मार्च से २ अप्रैल तक जैन भवन, फरीदाबाद में श्री शिवधन जी अग्रवाल के सौजन्य एवं हरियाणा सरकार के सहयोग से ६ दिवसीय निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में नेत्र रोगियों के नेत्रों का परीक्षण कर उन्हें निःशुल्क दवायें दी गयीं तथा ५० से अधिक रोगियों के नेत्रों की शल्यचिकित्सा सम्पन्न हुई। इसी प्रकार का एक शिविर इसी स्थान पर आगामी सितम्बर-अक्टूबर माह में देश के सुप्रसिद्ध उद्योगपति तथा पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी के मन्त्री श्री भूपेन्द्रनाथ जी जैन तथा उनके पारिवारिक ट्रस्ट की ओर से आयोजित किया जायेगा।
आर्य भद्रबाहु और उनका साहित्य : संगोष्ठी सम्पन्न
अहमदाबाद १२ अप्रैल : कालिकालसर्वज्ञ श्री हेमचन्द्राचार्य नवम जन्म शताब्दी स्मृति संस्कार शिक्षणनिधि, अहमदाबाद के सौजन्य और विश्वविख्यात् विद्वान् प्रो० मधुसूदन ढांकी के सम्मान में स्थानीय हठीसिंह की बाड़ी में आर्य भद्रबाहु और उनका साहित्य नामक विषय पर १०-११ अप्रैल को द्विदिवसीय संगोष्ठी आयोजित की गयी।
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