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साहित्य-सत्कार
: १९१
आचार्य सुदर्शनलाल जी महाराज एवं श्री जिनेश मुनि जी के लेखों का संकलन है। आगे के अध्यायों में साधुमार्गीय हुक्मगच्छीय परम्परा के आचार्यों का विस्तृत जीवन परिचय, हुक्मगच्छीय शान्त क्रान्ति संघ एवं अ०भा० सा० जैन श्रावक संघ आदि का विवरण है। आगे के शेष अध्यायों में तरुणाचार्य जी के गुणों का संकीर्तन एवं समाचार खण्ड दिया गया है। इस विशेषांक में समारोह से सम्बद्ध अनेक चित्र भी दिये गये है, जो इसे और भी आकर्षक व सजीव बना देते हैं। यह विशेषांक सभी के लिये पठनीय और संग्रहणीय है। ऐसे श्रमसाध्य और उपयोगी ग्रन्थ के प्रकाशन के लिये सम्पादक और प्रकाशन दोनों ही बधाई के पात्र हैं। पुस्तक की साज-सज्जा नयनाभिराम एवं मुद्रण अत्यन्त कलापूर्ण तथा निर्दोष है।
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