Book Title: Shrutsagar Ank 2013 12 035
Author(s): Mukeshbhai N Shah and Others
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

View full book text
Previous | Next

Page 20
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra - १८ दान देवाय ते, गर्वथी अपाय छे माटे ते दान गारवदान कहेवाय. [७] अधर्मदान हिंसा करनार, असत्य बोलनार, चोरी करनार, परदारा लंपट, परिग्रहमां आसक्त एवा पुरुषोने [उत्तेजन मळे ते बुद्धिथी] जे दान अपाय ते दान अधर्मदान. [८] धर्मदान धर्मना कारणभूत जे दान अथवा धर्ममां ज दान ते धर्मदान, अर्थात् धर्म करावनारु के धर्ममां सहाय करनारुं दान ते धर्मदान. www.kobatirth.org - [९] करिष्यतिदान जो हुं आने दान आपीश तो आ पुरुष [ भविष्यमां] मने कंइक उपकार करशे एवी बुद्धि वडे जे दान अपाय ते करिष्यतिदान. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - दिसम्बर २०१३ [१०] कृतदान - 'आमणे पहेला मारा उपर उपकार कर्यो हतो माटे हुं एमने कंइक आपुं' ते प्रयोजनथी प्रत्युपकार माटे जे दान कराय ते कृतदान. [ स्थानाङ्गसूत्र टीकानुवाद सह १० स्थानकाध्ययन] [१] धर्मदान सुपात्रने [धर्म करवामां सहायनी बुद्धिथी जे दान अपाय ते धर्मदान. → [२] अर्थदान - 'हुं आमने आपीश तो मने धन वगेरे मळशे' एवी द्रव्यादिनी इच्छा पूर्वक जे सुपात्रने आपवुं ते अर्थदान. [३] कामदान- 'आ दानना प्रभावथी मने स्त्री वगेरेना भोगोनी प्राप्ति थाओ. एवी बुद्धिथी जे आपवुं ते कामदान. - [ दानादि कुलक सटीक, पृष्ठ-५, प्रकाशक- हर्षपुष्पामृत ग्रंथमाला] [१] अभयदान वध - बंधन वगेरेथी भय पामेला जीवने प्राणरक्षा वगेरे द्वारा निर्भय करवा ते अभयदान. [२] सुपात्रदान- सुपात्रने आपेलुं दान, [३] अनुकंपादान दीन-दुःखी - दुर्बळ - दरिद्रथी थाकेला / हारेला जीवने पात्र - अपात्र विचार्या वगर अन्न - जळ- वस्त्र - पात्र आश्रय वगेरे दयाथी बुद्धिथी जे अपाय तेअनुकंपादान. For Private and Personal Use Only [४] उचितदान अवसरे [ प्रसंगे] इच्छित महेमान [ अतिथि! देवगुरुनुं आगमन जणावनार, प्रासाद-प्रतिमा निर्माण वगेरेनी वधामणि आपनार व्यक्तिने, के काव्य - श्लोक - सुभाषित - विनोदकथा वगेरे कहेनारने हर्षना वशथी एने योग्य के इच्छित वस्तु वगेरेनुं दान अपाय ते उचितदान. [५] कीर्तिदान पोताना राजा वगेरेनां कुळ- वंश- रूप-विद्या-गुणवर्णन रूप -

Loading...

Page Navigation
1 ... 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84