Book Title: Shrutsagar Ank 2013 12 035
Author(s): Mukeshbhai N Shah and Others
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 72
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ७० दिसम्बर २०१३ पार्श्वनाममालास्तोत्रने बाद करतां अन्य बे कृतिओ ते-ते जिनेश्वरोना नामथी जं निबद्ध छे. ज्यारे पार्श्वनाममालास्तोत्रमां कर्त्ताए पोताने गमता पार्श्वप्रभुनी प्रार्थना करी छे. पार्श्वनाथ भगवानना प्रायः ४५-४६ नामो कृतिमां गूथायेला जणाय छे. एमां केटलाक तीर्थो प्रसिद्ध छे, तो केटलांक तीर्थो अप्रसिद्ध छे. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - विशेषमां पार्श्वनाथनाममालाना श्लोक क्रमांक चारना त्रीजा चरणमां प्रयुक्त 'उदारजिन' शब्दथी, श्लोक क्रमांक पांचमाना त्रीजा चरणमां वपरायेल 'मण्डोरपूर्वो वरवेइ नामा' ए पंक्तिथी, तेमज श्लोक क्रमांक सातमाना त्रीजा चरणमां वपरायेल 'करदुर्गरिष्ट श्री - गडुरीक आ पदथी कर्ताए कया तीर्थना पार्श्वप्रभु अने एमनुं तीर्थ अभिप्रेत छे ते स्पष्ट समजायुं नथी. श्लोक क्रमांक पांचमाना त्रीजा चरणमा वपरायेल 'मण्डोरपूर्वी वरवेइनामा' पंक्तिथी जोधपुर जिल्लामां आवेल मण्डोरपार्श्वनाथ के मण्डोवरापार्श्वनाथ (मुंडावातीर्थ ) प्रभु अने आवेल 'गडुरीक' शब्दथी जोधपुर जिल्लामां आवेल गाडरीया पार्श्वनाथनी स्तवना कर्त्ता ए करी होवानुं संभवे छे. अस्तु. नाममाला स्तोत्र गत केटलाक केटलाक अन्य तीर्थो अने तेना प्रसिद्ध नामो नीचे मुजब छे. कृतिगत नाम करहेड मगसी प्रसिद्धनाम करेडापार्श्वनाथ मक्षीपार्श्वनाथ महुरी टीटोई(गुज.) मुहरीपार्श्वनाथ कापरडापार्श्वनाथ काप्रेडक कापरडा (जोधपुर-राज.) उंबरी (गुज.) अधि आनंदापार्श्वनाथ आ सिवाय केटलाक पार्श्वनाथ प्रभुना तीर्थो संबंधी अन्य माहिती प्राप्त थाय तो ज विशेष विगतो जणावी शकाय. पत्र-३ गाम भूपालसागर ( चित्तोड - राज.) भक्षी (उज्जैन - मध्यप्रदेश ) आ पत्रमा दश श्लोकप्रमाणनी 'श्रीपार्श्वजिनस्तवन' नामनी कृति छे. 'जय' शब्दपूर्वकना बत्री विशेषणोथी पार्श्वप्रभुनी स्तुति कृतिसार स्वरूपे जणावी शकाय. प्रति घणे स्थाने अशुद्ध होय तेवुं लागे छे तेथी कर्ता ए कृतिने कया छंदमां टाकी छे ते ख्याल आवतो नथी, प्रायः करीने सोळ अक्षरना (?) मात्रिक छंदमां रचना थइ हशे कर्त्ता प्रयोजेल अत्यानुप्रास कृतिने आनंदप्रद - रसाळ करे छे. For Private and Personal Use Only प्रस्तुत त्रणेय कृतिमां रचनाकारे पोताना नामनो के पोतानी गुरुपरंपरानो उल्लेख करेल नथी. एटले आ कृतिओना कर्ता विशे कोई माहिती मेळवी शकाई नथी.

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