Book Title: Shrutsagar Ank 2007 03 012
Author(s): Manoj Jain
Publisher: Shree Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 73
________________ पंन्यास प्रवरश्री अमृतसागरजी आचार्यपद प्रदान - महोत्सव विशेषांक इस अद्भुत संग्रहालय को देखने का एक अवसर मिला. संग्रहीत सामग्री तथा इसका रख-रखाव अत्यधिक सावधानी से किया गया. दुर्लभ चित्रों का संग्रहण आकर्षक है. यह कार्य, एक भगीरथी से कम नहीं है. भारतीय संस्कृति को सुरक्षित रखने का प्रयास अत्यंत सराहनीय है. नवलकिशोर शर्मा, राज्यपाल, गुजरात पूज्य गुरुदेव की असीम अनुकम्पा से आज प्रथम बार इस स्थान पर आने और गुरुदर्शन तथा इस स्थल को भी देखने का सुअवसर प्राप्त हुआ. यहाँ का काम अदभुत है, अवर्णनीय है, जैन दर्शन का साक्षात्कार करने के लिए जो प्रयत्न यहाँ हुआ है तथा हो रहा है वह विश्व में अपने किस्म का अनूठा ही है. यहाँ पर काफी समय इसको देखने समझने के लिए चाहिए. मैं फिर-फिर यहाँ आना चाहूँगा. जैन समाज इस महान कार्य के लिए आचार्य श्री पदमसागरजी महाराज का अनन्त काल तक ऋणी रहेगा. सुन्दरलाल पटवा मुख्यमंत्री (एम.पी.) आज यहाँ आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. यहाँ का वातावरण आध्यात्मिकता से अभिभूत है. दुर्लभ ग्रन्थों का अनूठा संग्रह है. यह केन्द्र भारतीय संस्कृति का मूर्त्तवत् प्रतीक है. पूज्य आचार्यश्री का संक्षिप्त एवं सारवान् उद्बोधन प्रेरणादायक रहेगा. कल्याण सिंह (मु.मंत्री, उत्तर प्रदेश), श्री भैरोसिंह शेखावत (मु.मंत्री, राजस्थान), श्री शान्ताकुमार, (मु.मंत्री,हिमाचलप्रदेश) "Amazing collection and excellent upkeep of every thing. The heritage will be handed down for generations for which Jains and Indians will be extremely proud of and indebted to Param Pujya Guru Bhagvant Acharya Sri Padmasagarsuriji Saheb. Samveg Lalbhai, Ahmedabad આચાર્ય શ્રી કૈલાસસાગરસૂરિ જ્ઞાનમંદિર જોઈને ખૂબ આનંદ થયો. અહીં માત્ર જૈન ધર્મના જ સંગ્રહાલય તરીકે નથી પરંતુ ભારતની સંસ્કૃતિને લગતા તમામ ધર્મ અને સંસ્કૃતિને લગતા સ્થાપત્યો રાખેલ છે. અને ભારતની સંસ્કૃતિ આપણને ગૌરવ અપાવે તેનો સ્પષ્ટ શક્તિ આપણને આપે છે. આ સંગ્રહાલય ભવિષ્યમાં ખૂબ અગત્યનો બની રહેશે અને પૂરા હિંદુસ્તાનમાં ગુજરાતનું નામ રોશન કરશે. તેની મને ખાત્રી છે. મંગળભાઈ પટેલ, ગુજરાત વિધાનસભાધ્યક્ષ આચાર્યોને વંદન जी.सी.पोवा, मुंबई

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