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पंन्यास प्रवरश्री अमृतसागरजी भाचार्यपद प्रदान महोत्सव विशेषांक
अहवा
आवरी
लाजवरद
कुदरत
चित्ती
संगेरस
लास
माखर
दाना फिरंग
कसौटी
दारचना
हकीके कुलबहार
हालन
सिजरी
सुवेनजफ
कटरवा
झरना
संगे वसरी
दांतला
मकड़ी
संगीया
गुदरी
कासला
सिफरी
हदीद
हवास
सिंगली
इसका रंग गुलाबी तथा ऊपर बड़े-बड़े छींटें होते हैं.
कालापन लिये हुए सोने के समान होता है,
यह नीले रंग का होता है.
यह काले रंग का होता है, ऊपर सफेद व जर्द दाग होते है.
काले रंग पर सोने के छींटे और सफेद डोरे दिखते हैं.
इसकी दो जातियाँ होती है, अंगूरी एवं सफेद, अंगूरी अच्छा होता है.
यह मारवर की एक जाति है.
इसका रंग पारे के समान होता है, परन्तु लाल व सफेद मिले होने के कारण यह मकराना भी कहलाता है.
पिस्ते के समान थोडा हरा होता है. यह तीन प्रकार का होता है, सोनाकस, लोहाकस, चांदीकस, अंतिम दो तो मिलते हैं, परन्तु पहला नहीं मिलता है.
काला रंग, इससे सोने के कस की परीक्षा होती है.
चने की दाल के समान पीले तथा लाल टिकिये के समान होता है रंग स्याह होता है तथा यह जमीन पर होता है.
हरेपन के साथ जद मिला होता है. मुसलमान इसकी माला बनाकर इससे जाप करते हैं. यह पत्थर जल में होता है.
यह गुलाबी रंग का परन्तु मैला होता है, हिलाने से हिलता है.
सफेद रंग के ऊपर श्याम दरख्त दिखता है.
इसके ऊपर सफेद बाल जैसी रेखाएँ होती है..
पीले रंग का होता है, जिससे बोरखा तथा माला बनाई जाती है.
मटिया रंग का, जिसे पानी देने पर सब पानी झर जाता है. इसका रंग काला होता है. आँख के सुरमे के काम आता है,
यह पुराने शंख के समान होता है. इसका रंग सफेद जरदपन लिये होता है.
यह सादापन लिये हुये काले रंग का होता है, ऊपर मकड़ी के जाल जैसी आकृति होती
है.
यह शंख के समान सफेद होता है, इसका घड़ी का लाकेट बनता है.
यह अनेक प्रकार के रंगों वाला होता है, इसे फकीर पहनते हैं.
यह हरापन लिये हुए सफेद होता है.
यह हरापन लिये आसमानी रंग का होता है.
यह भूरापन लिये स्याह रंग का वजनदार होता है. मुसलमान इसकी माला बनाकर जाप करते हैं.
यह सुनहला लिए हुए सब्ज रंग का होता है, औषिधियों में काम आता है, यह शक्तिवर्द्धक दवाएँ बनाने के काम आता है.
यह माणक के जाती की होती है, इसका रंग स्याही व सुर्खी मिला होता है.
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