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परिशिष्ट (१) कुमारपाल ( देखो हेमचन्द्र ). केशीस्वामी
केशिगौतमीय नामका अधिकार उत्तराध्ययनके २३ वें अधिकारमें आता है। केशी भगवान् पार्थनाथकी परम्पराको माननेवाले थे, और गौतम गणधर महावीरकी पराम्पराके उपासक थे। एक बार दोनोंका श्रावस्ती नगरीमें मिलाप हुआ। एक ही धर्मके अनुयायी दोनों संघोंके मुनियोंके शिष्य भिन्न भिन्न क्रियाओंका पालन करते थे। यह देखकर केशीमुनि और गौतम गणधरमें बहुतसे विषयोंपर परस्पर चर्चा हुई, और शंका समाधानके बाद केशीमुनि महावीर भगवान्की परंपरामें दीक्षित हो गये । केशीमुनिकी अपेक्षा यधपि गौतम छोटे थे, फिर भी केशीमुनिने परिणामोंकी सरलताके कारण उनसे दीक्षा ग्रहण करनेमें कोई संकोच न किया । क्रियाकोष
. क्रियाकोषके कर्ता किसनसिंहx सांगानेरके रहनेवाले खण्डेलवाल थे। क्रियाकोष सं० १७८४ में रचा गया है । इसकी रचना छन्दोबद्ध है। किसनसिंहजीने भद्रबाहुचरित्र और रात्रिभोजनकथा नामकी अन्य पुस्तकें भी लिखी हैं । क्रियाकोष चारित्रका प्रन्थ है। इसमें बाह्याचारसंबंधी क्रियाओंका खुब विस्तारसे वर्णन है । यह प्रन्थ सन् १८९२ में शोलापुरसे प्रकाशित हुआ है। गजमुकुमार ( देखो प्रस्तुत ग्रंथ, मोक्षमाला पाठ ४३). गीता___गीता वेदव्यासकी रचना है । इसमें कृष्णभगवान्ने अर्जुनको कर्मयोगका उपदेश दिया है। इसके संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजी आदि संसारकी प्रायः सभी भाषाओंमें अनेक अनुवाद विवेचन आदि हुए हैं। गीताके कर्तृत्वके विषयमें राजचन्द्रजीने जो विचार प्रकट किये हैं, वे महात्मा गांधीके प्रश्नोंके उत्तरोंमें पत्रांक ४४७ में छपे हैं । गीतामें पूर्वापरविरोध होनेका राजचन्द्रजीने अंक. ८४१ में उल्लेख किया है। गोकुलचरित्र
यह कोई चरित्रग्रंथ मालूम होता है । इसका उल्लेख पत्रांक १० में किया गया है। गोम्मटसार
गोम्मटसार कर्मग्रन्थका एक उच्च कोटिका दिगम्बरीय प्रन्थ है। इसके जीवकांड और कर्मकांड दो विभाग हैं, जिनमें जीव और कर्मका जैनपद्धतिसे विस्तृत वर्णन किया गया है। इसके कर्ता नेमिचन्द्र सिद्धांतचक्रवती हैं। नेमिचन्द्रने लब्धिसार, क्षपणासार, त्रिलोकसार आदि अन्य भी सिद्धांतग्रंथोंकी रचना की है। नेमिचन्द्र अपने विषयके असाधारण विद्वान् थे, गणितशासके तो वे पण्डित थे । इनके विषयमें भी बहुतसी किंवदन्तियां प्रसिद्ध हैं । नेमिचन्द्रने अपने शिष्य चामुण्डरायके उपदेशके लिये गोम्मटसार बनाया था । गोम्मटसारका दूसरा नाम पंचसंग्रह भी है । गोम्मटसारके ___x राजचन्द्रजीने किसनसिंहके स्थानपर किसनवास नामका उल्लेख किया है, परन्तु क्रियाकोषके की किसनाहि ।