Book Title: Shiksharthi Hindi Shabdakosh Author(s): Hardev Bahri Publisher: Rajpal and Sons View full book textPage 8
________________ प्रवर्तन हुआ और बाद के हिन्दी शब्दकोश उसी शैली पर लिखे जाते रहे हैं। चिंता यह रही है कि शब्द संख्या बढ़ायी जाये। बताया गया है कि सागर के पहले संस्करण में एक लाख शब्द थे और अब इनकी संख्या ढाई लाख हो गई है। इतनी संख्या बढ़ जाने पर भी आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की शब्दावली बहुत कम आ पायी है। संख्या बढ़ी है हिन्दी शब्दों के बहुत से अमानक शब्दों के संग्रह से । अनेक बोलियों के शब्द-संग्रह प्रकाशित हुए हैं; उनसे भर लिया गया है। बहुत से नये-पुराने कवियों और लेखकों की शब्दावली भी प्रकाश में आयी है । उसको भी स्थान दिया गया है । संस्कृत और उर्दू के शब्दकोशों से आमतौर पर शब्द संग्रह कर लिया गया है, यहाँ तक कि कई ऐसे शब्द जिनका हिन्दी में कभी प्रयोग नहीं होता उनको भी ले लिया गया है । यही परम्परा बराबर चलती रही है। प्रस्तुत कोश में शब्दों के चयन का आधार भिन्न है । 1 प्रस्तुत कोश की कुछ सीमाएँ हैं जिनके कारण शब्द चयन की प्रकृति निर्धारित की गई। यह कोश आधुनिक और परिनिष्ठित हिन्दी का है । हिन्दी में जो भी तत्सम, तद्भव, देशी और विदेशी जितने भी शब्दों का प्रयोग होता है उनका संग्रह कर लेने का भरसक प्रयत्न किया गया है। संस्कृत कोशों में हजारों ऐसे शब्द भरे पड़े हैं जिनका व्यवहार संस्कृत ग्रंथों में भी नहीं हुआ । विद्वानों ने इनको 'कोशगत शब्द' कहा है । परंतु, प्रायः हिन्दी कोशकारों ने ऐसे शब्दों को भी भर लिया है। वास्तव में संस्कृत की तत्सम शब्दावली का चयन हिन्दी भाषा के संदर्भ में होना चाहिए । हमने इस बात का ध्यान रखा है। विदेशी शब्दों के ग्रहण के बारे में भी लगभग ऐसी ही बात है। अरबी-फ़ारसी के हज़ारों शब्द उर्दू कोशों में तो हैं, किन्तु उन्हें आँख मूँदकर यथावत् ले लेना हिन्दी संपादकत्व का बड़ा भारी दोष है। हमने कई माध्यमों से परीक्षण करके उर्दू अर्थात् अरबी-फ़ारसी के शब्दों को अपने कोश में स्थान दिया है। इनमें कुछ शब्द हिन्दी साहित्य में आते रहे हैं परंतु बहुत से ऐसे हैं जो अब हिन्दी की अपनी सम्पत्ति बन चुके हैं। अंग्रेज़ी और अन्य यूरोपीय भाषाओं से आगत शब्द उपेक्षित रहे हैं। हमने हिन्दी कोशों के इतिहास में पहली बार ऐसे प्रचलित और व्यापक शब्दों की खोजबीन करके प्रस्तुत कोश में सम्मिलित किया है और परिशिष्ट के रूप में लगभग चार हज़ार अंग्रेज़ी शब्दों की सूची दे दी है। आनेवाले कोशकारों के लिए यह सूची उपयोगी होगी । यह एक सामान्य शब्द-कोश है, और यह हमारी एक अन्य सीमा है । वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग ने ज्ञान-विज्ञान की अनेक शाखाओं से संबंधित दो-तीन लाख शब्दों का संग्रह प्रकाशित किया है ! उन्हें पारिभाषिक शब्द कहा जाता है। सामान्य कोश में सामान्य भाषा के शब्द ही सम्मिलित किए जाते हैं, परंतु अनके पारिभाषिक शब्द शिक्षा के प्रसार के साथ सामान्य व्यवहार में आने लगते हैं । हमने पारिभाषिक शब्दावली में से ऐसे ही सामान्य शब्दों को अपने कोश में स्थान दिया है। प्रकाशक की ओर से भी एक सीमा बाँध दी गई। कोश एक जिल्दी हो जिसे डेस्क डिक्शनरी कहते हैं। इसमें 60-70 हज़ार शब्द हैं जिनमें से कम से कम एक हजार शब्द ऐसे हैं जो प्रायः बड़े से बड़े कोश में भी प्राप्त नहीं हैं। ये शब्द प्रचलित हैं और इन्हें हमने अनेक भाषित और लिखित स्रोतों से संगृहीत किया है ।Page Navigation
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