________________ "मुख पद्मदलाकार वाचश्चन्दन शीतला... हृदयं कर्तरी तुल्यं त्रिविधं घूत लक्षणम् / " अर्थात्-संसार में जिस पुरुष का मुख पद्मपत्र के समान * और वाचा चन्दन वत् शीतल हो, मन कैंची के - समान हो, ऐसे तीन लक्षणों वाले धूत होते हैं।. . : कुमार बोला, "मैंने तेरे साथ क्या ठगी की" इस पर मालिन ने कड़क कर कहा! "तू धूर्त है, मैंने आज तेरी गठड़ी को खोल कर देखा था। उससे प्रतीत होता है कि तू अवश्य ही धूर्त है, इसलिये अब तू मेरे घर में नहीं रह सकता। अपने रहने के लिये कोई और स्थान देख 1 . श्राज से पीछे तू मेरे घर कभी न पाना"। कुमार ने कहा-वहिन ? “प्रतीत होता है कि तुझे किसी ने बहका दिया है। अस्तु यदि तू मुझे धूर्त ही मानती है तो कृपया मेरो वस्तुएं मुझे देदे। जिससे मैं अन्य स्थान पर चला जाऊं"। ___ कुमार की बात मुन कर मालिन ने उत्तर दिया- "कि मैं ने तेरी सब वस्तुएं घर के पीछे डाल दी हैं, वहां से लाकर देती हूँ"। मालिन गई और घर के पछवाड़े से चारों वस्तुयें लाकर कुमार को देदीं। अपनी चारों वस्तुओं को पाकर कुमार ने ' मालिन से कहा- "देख मैं इन वस्तुओं का महत्व तुझे दिखाता हूँ। ऐसे कह कर कुमार ने उस गुदड़ी को. फैला दिया / गुदड़ी का फैजना था कि उसमें से तुरन्त ही पांच सौ सुवर्ण : मुद्रा पृथ्वी पर गिरी। कुमार ने सव मुद्रा मालिन को दे कर . कहा कि मैं तेरे मकान में ठहरा हूँ, तू ने इन को किराये में समझना। . . . . . . ......... : ......... P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust