Book Title: Rupsen Charitra
Author(s): Jinsuri
Publisher: Atmanand Jain Tract Society

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Page 56
________________ ( 52 ) यह कह कर वह देवता अन्तर्धा हो गया। राजा पसेन भी कहे हुए दिन हाथी पर सवार हो कर कहीं जारहा था तो हाथी ने उसे गिरा दिया और राजा रूपसेन शुभ ध्यान पूर्वक देह त्याग कर देवता हुआ। उत्तर कथन सब मनुष्यों को रूपसेन की तरह नियम पालन करने चाहियें :अथवा"येपालयन्ति नियमान् परिपूर्णान् रूपसेन नृपतिवि ते सुख लक्ष्मी भाजः पदे पदे स्युर्जन इलाध्याः / अर्थात्-जो मनुष्य राजा रूपसेन की तरह नियमों का पालन . , करते हैं, वे सुख तथा लक्ष्मी के पात्र होकर पद पद पर प्रशंसा को प्राप्त होते हैं। ___ + इति - आ श्रीकैलारासागरसूरि ज्ञानमन्दिर श्रीमहावीर जन आराधना केन्द्र कोवा (गांधीनगर) पि. 382009 P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

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