Book Title: Praudh Prakrit Apbhramsa Rachna Saurabh Part 2
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
View full book text
________________
सर्वो
सर्वे
सौं
7. सर्व एकवचन द्विवचन
बहुवचन प्रथमा
सर्वः द्वितीया सर्वम्
सर्वान् तृतीया सर्वेण सर्वाभ्याम् सर्वैः सर्वस्मै सर्वाभ्याम्
सर्वेभ्यः पंचमी सर्वस्मात्
सर्वाभ्याम् षष्ठी
सर्वस्य सर्वयोः सर्वेषाम् सप्तमी सर्वस्मिन् सर्वयोः 8. प्रौढ रचनानुवाद कौमुदी, डॉ. कपिलदेव द्विवेदी, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी।
चतुर्थी
सर्वेभ्यः
सर्वेषु
प्रौढ प्राकृत-अपभ्रंश रचना सौरभ
11
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96