Book Title: Praudh Prakrit Apbhramsa Rachna Saurabh Part 2
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 68
________________ भविष्यत्काल आकारान्त, ओकारान्त क्रिया (प्रत्यय) . एकवचन बहुवचन उत्तमपुरुष हिमि,स्सामि, हामि हिमो, हिमु, हिम (3/166,3/144), (3/166,3/167,3/141). स्सामो, स्सामु, स्साम, हामो, हामु, स्सिमि (4/275). 'हाम (3/167,3/144), स्सं (3/169). स्सिमो, स्सिमु, स्सिम (4/275), ज्ज, ज्जा (3/177). ज्ज, ज्जा (3/177), ज्जहिमि, ज्जाहिमि, ज्जहिमो, ज्जाहिमो, ज्जस्सामि, ज्जास्सामि, ज्जहिम्, ज्जाहिम, ज्जहामि, ज्जाहामि, ज्जहिम,ज्जाहिम, ज्जस्सिमि, ज्जास्सिमि ज्जस्सामो, ज्जास्सामो, (3/178) ज्जस्सामु, ज्जास्सामु. ज्जस्साम, ज्जास्साम, ज्जहामो, ज्जाहामो, ज्जहामु, ज्जाहामु. ज्जहाम, ज्जाहाम, ज्जस्सिमो, ज्जास्सिमो, ज्जस्सिमु, ज्जास्सिमु, ज्जस्सिम, ज्जास्सिम (3/178) हिस्सा, हित्था (3/168) मध्यमपुरुष हिसि (3/177,3/140), हिह, हित्था (3/166, 3/143). स्सिसि (4/275), हिध (3/166,4/268) ज्ज, ज्जा (3/177), स्सिह, स्सिइत्था, स्सिध ज्जहिसि, ज्जाहिसि (3/178). (4/275,3/143,4/268) ज्जस्सिसि, ज्जास्सिसि, ज्ज, ज्जा (3/177). ज्जस्सिसे, ज्जास्सिसे ज्जहिह, ज्जाहिह, (4/275) ज्जहित्था,ज्जाहित्था, प्रौढ प्राकृत-अपभ्रंश रचना सौरभ 61 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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