Book Title: Praudh Prakrit Apbhramsa Rachna Saurabh Part 2
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 84
________________ Jain Education International 5 17.3/155 इच्च मो-मु-मे वा {(इत) + (च)} भूभृत् (इत्) 1/1 (च) (मो) प्रौढ प्राकृत-अपभ्रंश रचना सौरभ (म)7/1 राम 18. 3/156 क्ते क्ते राम (क्त)7/1 (एत) 1/1 19. 3/157 एच्च क्त्वा-तुम्-तव्य- भविष्यत्सु (एत) + (च)} भूभृत् क्त्वा For Private & Personal Use Only तुम् तव्य भविष्यत्सु भूभृत् 20. 3/158 वर्तमाना - पञ्चमी- शतृषु वा वर्तमाना पञ्चमी (क्त्वा ) (तुम) (तव्य) (भविष्यत्) 7/3 (वर्तमाना) (पञ्चमी) (शत) 7/3 (वा) (ज्जा) _ (ज्ज)7/1 शतृषु पितृ वा 21. 3/159 ज्जा-ज्जे www.jainelibrary.org (viii)

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