Book Title: Praudh Prakrit Apbhramsa Rachna Saurabh Part 2
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

View full book text
Previous | Next

Page 40
________________ वर्तमानकाल एकवचन बहुवचन उत्तमपुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा मध्यमपुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा अन्यपुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा विधि एवं आज्ञा उत्तमपुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा मध्यमपुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा अन्यपुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज हसेज्जा भविष्यत्काल उत्तमपुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा मध्यमपुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा अन्यपुरुष हसेज्ज, हसेज्जा हसेज्ज, हसेज्जा (सूत्र 3/159 से अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का ‘ए’ हुआ है) (हो + ज्ज, ज्जा) = होज्ज, होज्जा (ठा+ज्ज, ज्जा) = ठाज्ज→ठज्ज, ठाज्जा → ठज्जा आकारान्त, ओकारान्त क्रियाओं के इसी प्रकार तीनों काल, तीनों पुरुष व दोनों वचनों के रूप बना लेने चाहिए। 36. मध्ये च स्वरान्ताद्वा 3/178 मध्ये च स्वरान्ताद्वा मध्ये च (स्वरान्तात्) + (वा)} मध्ये (मध्य) 7/1 च = और स्वरान्तात् (स्वरान्त) 5/1 वा = विकल्प से स्वरान्त (अकारान्त के अतिरिक्त, आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं) से प्रौढ प्राकृत-अपभ्रंश रचना सौरभ 33 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96