Book Title: Praudh Prakrit Apbhramsa Rachna Saurabh Part 2
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 24
________________ 9. मि. मो-मै --हि-म्हो-म्हा वा 3/147 मि-मो-मै-हि-म्हो-म्हा वा मि- मो-- {(मैः) +(म्हि)} --म्हो - ((म्हाः) + (वा)} (मि)-- (भो)-- (म) 3/3} {(म्हि)-(म्हो)- (म्ह) 1/3} वा = विकल्प से मि (उत्तमपुरुष एकवचन के प्रत्यय), मो, म (उत्तमपुरुष, बहुवचन के प्रत्यय) सहित (अस् के स्थान पर) विकल्प से (क्रमशः) म्हि. म्हो, म्ह (होते हैं)। वर्तमानकाल में उत्तमपुरुष के एकवचन के प्रत्यय मि, उत्तमपुरुष के बहुवचन के प्रत्यय मो व म सहित अस् क्रिया का क्रमशः म्हि, म्हो और म्ह होते हैं । (अस् + मि) = म्हि (वर्तमानकाल, उत्तम पुरुष एकवचन) (अस् + मो) = म्हो (वर्तमानकाल, उत्तम पुरुष, बहुवचन) (अस् + म) = म्ह (वर्तमानकाल, उत्तम पुरुष, बहुवचन) 10. अत्थिस्त्यादिना 3/148 अत्थिस्त्यादिना (अत्थिः) + (ति) + (आदिना)} अत्थिः (अत्थि) 1/1 (ति) - (आदि) 3/1} (वर्तमानकाल के तीनों पुरुषों व दोनों वचनो में) ति आदि सहित (अस्') अस्थि (होता है)। अस् क्रिया के वर्तमानकाल के तीनों पुरुषों व दोनों वचनों में ति आदि सहित अस्थि होता है। (अस् + ति आदि) = अत्थि (वर्तमान काल के तीनों पुरुषों व दोनों वचनों में) अस (वर्तमानकाल) एकवचन बहुवचन अस्थि अस्थि अस्थि अस्थि अत्थि अस्थि مي مي مي प्रौढ प्राकृत-अपभ्रंश रचना सौरभ 17 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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