Book Title: Praudh Prakrit Apbhramsa Rachna Saurabh Part 2
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 31
________________ 20. वर्तमाना-पंचमी-शतृषु वा 3/158 {(वर्तमाना) - (पंचमी) - (शत) 7/3} वा = विकल्प से (अकारान्त क्रियाओं में) वर्तमानकाल (के पुरुषवाचक प्रत्यय), पंचमी (आज्ञार्थक, विधि -- अर्थक पुरुषवाचक प्रत्यय) तथा शतृ (वर्तमान कृदन्त के प्रत्यय) परे होने पर विकल्प से (क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ए' होता है)। वर्तमानकाल के पुरुषवाचक प्रत्यय, आज्ञार्थक या विधि- अर्थक पुरुषवाचक प्रत्यय तथा वर्तमान कृदन्त के प्रत्यय परे रहने पर अकारान्त क्रियाओं के अन्त्य 'अ' का विकल्प से 'ए' होता है। वर्तमानकाल एकवचन बहुवचन उत्तमपुरुष हसमि, हसेमि हसमो, हसमु, हसम, (सूत्र-3/141) हसेमो, हसेमु, हसेम (सूत्र - 3/144) मध्यमपुरुष हससि, हससे, हसह, हसित्था, हसध, हसेसि, हसेसे हसेह, हसेइत्था, हसेध (सूत्र - 3/140) (सूत्र-3/143,4/268) अन्यपुरुष हसइ, हसदि, हसन्ति, हसन्ते, हसिरे हसेइ, हसेदि हसेन्ति, हसेन्ते, हसेइरे (सूत्र-3/139, 4/273) (सूत्र – 3/142) 24 प्रौढ प्राकृत-अपभ्रंश रचना सौरभ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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