Book Title: Prashno Ke Uttar Part 1 Author(s): Atmaramji Maharaj Publisher: Atmaram Jain Prakashan Samiti View full book textPage 8
________________ प्रकाशकीय हम सहर्ष पाठको के कर-कमलो मे श्रद्धेय श्री ज्ञान मुनि जी महाराज कृत यह रचना प्रस्तुत कर रहे हैं । हर्ष की वास्तविकता तो विशेषकर इस लिए है कि इस पुस्तक का प्रकाशन हमारा प्रथम साहस है । ऐस०ऐसजन बिरादरी द्वारा निर्वाचित इस समिति को अभी दो मास ही हुए है कि इसने इतने अल्प समय मे यह अनुपम रत्न पाठको के समक्ष ला दिया है। इस समिति का मूल उद्देश्य आचाय-सम्राट् पूज्य श्री प्रात्माराम जी महाराज द्वारा लिखित, अनुवादित तथा सम्पादित ग्रन्थो को पाठको के लिए प्रकाशित करना है । समिति का क्षेत्र इतना ही नही, अपितु विशाल है । यह समिति अन्य सुप्रसिद्ध मनोनीत लेखको को कृतियो को भी प्रकाशित सामग्री में परिवर्तित करेगी। पाठक अनुमान लगा सकेगे कि हमारा ध्येय तो मानव जाति के लिए साहित्य द्वारा ऐसा सुगम सुमार्ग प्रस्तुत करना है जिस पर चलने से मानव सुन्दर, सुखद और स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सके । प्रस्तुत पुस्तक “प्रश्नो के उत्तर" दो खण्डो मे है। जिसका प्रथम खण्ड आप की सेवा मे उपस्थित है । प्राचार्यदेव के सुशिष्य श्री ज्ञान मुनि जी महाराज ने इस पुस्तक मे समय-समय पर सामने आने वाले प्रश्नो को लिखकर उनके उत्तर तैयार किए हैं । आजके हिन्दी-युग मे ऐसीपुस्तक की महान आवश्यकता थी । असीम प्राभार की बात है कि मुनि श्री ने इस आवश्यकता को अपने अनवरत परिश्रम द्वारा पूरा किया है। प्रधान- श्री आत्माराम जैन प्रकाशन समिति, लुधियाना।Page Navigation
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