________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
मागधी व्याकरणम्.
१०
neer ए पद जे पेलुं बे, ते संपूर्ण गाथा विसम० ए श्रापेली बे. अर्थ एवो बे के - कुलवान स्त्री हिंसा थता पशुर्जने जोइ संभ्रम पामी परस्पर श्रारूढ थई
मां विचित्र चित्राचरे बे. अहिं गंधपुटी शब्द विचित्र चित्रवाची बे. संस्कृत गंपुटी शब्द तेनुं प्राकृत गंधउडि एवं थाय. ते आप्रमाणे. गंधपुटी - क ग च० सूत्री पू नो लोप थाय, पबी टोड: सूत्र लागी ट नो ड य तथा इस्व थ टी नो डि थयो. पबी बाकीनुं साधन अदंत शब्दनी जेम थाय. एटले अमोs - स्य लुकू ने मोनु०थी गंधउडिं शब्द सिद्ध थयो. निशाकर निशा - रात्रि तेने करे ते निशाकर ( चंद्र ) संस्कृत निशाकरनुं प्राकृत निसाअरो अथवा निसि अरो बे रूप था . श्रप्रमाणे. निशाकर तेने शषोः सः ए सूत्रथी निसाकर एवं a. पती क ग च सूत्रथी कू नो लुक् थयो, पबी, इःसदादौवा ए सूत्रथी आकारनो विकल्पे इकार थाय, एटले निसा अथवा निसि एवं थाय. पबी अतः सेड सूथी ओकार थवाथी निसाअरो अथवा निसिअरो एवा वे रूप सिद्ध थाय बे. संस्कृत रजनीकर तेनुं प्राकृत रअणीअरो एवं थाय ते. रजनीकर तेने क ग चजसूत्री ज तथा क् नो लुक् थयो. पबी अवर्णो ने नोणः ए बे सूत्रथी रअणीअर एवं रूप याय. पबी अतः सेड सूत्रथी रअणीअरो एवं रूप थाय बे. संस्कृत मनुजत्वं नुं प्राकृत मणुअत्तं थाय बे. श्राप्रमाणे- नोणः क ग चजेति सूत्रोथी ण तथा ज नो लुक् श्रवाथी मणुअत्वं थाय. पढी सर्वत्रवलुक् अने अनादौ द्वित्वं ए सूत्रोथी मतं रूप सिद्ध थाय बे. संस्कृत कुंभकार नुं प्राकृत कुंभआरो तथा कुंभारो एवा बे रूप यावे. आप्रमाणे - कगचेति सूत्रथी क नो लुक् थयो कुंवारः, प्रथमथी बहुल अधिकार चाट्यो वे बे, तेथी कोइ ठेकाणे विकल्पे संधि न थाय, ज्यां संधि न थाय त्यां अवर्णो सूत्र लागे, छाने ज्यां संधि थाय त्यां समानानां तेन दीर्घः सूत्र लागे - पबी अतः सेड सूत्र लागी कुंभआरो तथा कुंभारो एवा वे रूप सिद्ध थाय बे. संस्कृत सुपुरूषः नुं प्राकृत सुउरिसो ने रिसो बे रूप थाय बे. ते प्रमाणे- सुपुरुषः ने क ग जेति प नो लुक् थयो. पबी पुरुषेरो सूत्रथी रूने स्थाने रि थयो, एटले सुउरिषो थयुं. बीजा रूपमा समानानांतेन दीर्घः सूत्र लागे, पी शषोः सः तथा अतः सेर्डी नियमो लागवाथी सुउरिसो तथा रिसो एवा रूप सिद्ध था . संस्कृत सातवाहननुं प्राकृत सालाहणो थाय. सातवाहनः शब्दने अतसीसातवाहने सूत्रथी त नो ल थयो, पत्नी क गचजेति सूत्रधी व नो लुक् थयो. पी कोइ ठेकाणे नित्य संधिज थाय, ए नियमथी समानानां तेन दीर्घः ए सूत्र लाग्यं. पबी नोणः अने अतः सेड सूत्रो लागवाथी सालाहणो रूप सिद्ध या बे. संस्कृत चक्रवाक नुं प्राकृत चक्काओ थाय बे. चक्रवाक ने सर्वत्र रलुक् सूत्रथी र नो लुक् करी अनादौ द्वित्वं तथा क ग च सूत्रोथी व तथा क नो लुक् थाय. पबी समानानां तेन दीर्घः श्रने अतः सेड सूत्रथी चक्काओ रूप सिद्ध थाय बे.
For Private and Personal Use Only