Book Title: Prakrit Sikhe Author(s): Premsuman Jain Publisher: Hirabhaiya Prakashan View full book textPage 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir क्रम पाठ १ : प्राकृत भाषा और साहित्य ५ पाठ २ : ध्वनि-सम्बन्धी विशेषताएं १४ पाठ ३ : पुल्लिग शब्दरूप और उनके प्रयोग २० पाठ ४ : सर्बनाम : रूप और प्रयोग २८ । पाठ ५ : स्त्रीलिंग शब्द : रूप और प्रयोग ३२ पाठ ६ : नपुंसकलिंग शब्द और उनके प्रयोग ३५ पाठ ७ : वर्तमानकाल : क्रियारूप एवं प्रयोग ३८ पाठ ८ : भूतकाल के क्रियारूप एवं प्रयोग ४३ पाठ ९ : भविष्यकाल ४६ पाठ १० : विधि आज्ञार्थ एवं क्रियातिपत्ति ५० पाठ ११ : कृदन्तरूप एवं उनके प्रयोग ५४ पाठ १२ : सन्धि, समास एवं अन्य प्रयोग ५४ परिशिष्ट १ : प्राकृत-वर्णमाला/प्राकृत में सामान्यतः होने वाले स्वर परिवर्तन ६९ परिशिष्ट २ : प्राकृत-व्यंजनों में सामान्यतः होने वाले परिवर्तन ७० For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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