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बहुवचन
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करेन्ति
वर्तमानकाल के धातु-प्रत्यय एकवचन इ,ए
न्ति, न्ते, इरे सि, से
इत्था , ह
मो, मु, म कर (करना) धातु के प्रत्यय-सहित रूप प्र.पु. करइ, करए
करन्ति, करन्ते, करिरे म.पु. करसि, कारसे करित्था, करह करम
करिमो, करिम, करिम वर्तमान काल की धातुओं के 'अ' का जब विकल्प से 'ए' हो जाता है तथा उत्तम पुरुष के प्रत्ययों के पूर्व 'अ' का 'आ' हो जाता है, तब रूप इस प्रकार होते हैं
करेइ, करोए करेसि, करेसे करेह करेमि, कारामि करेमो, करामो, कराम वंद (वंदना करना) धातु के रूप एकवचन
बहुवचन वंदइ, वंदेइ
वंदंति, वंदेति वंदए, वंदेए वंदंते, वंदेते, वंदइरे, वंदेइरे वंदसि, वंदेसि वंदइत्था, वंदेइत्था, वंदह, वंदेह, वंदसे, वंदेसे
वंदित्था उ.पु. वंदमि, वंदामि, वंदेमि वंदमो, वंदामो, वंदिमो, वंदेमो,
वंदमु, वंदामु, वंदिमु, वंदेमु,
वंदम, वंदाम, वंदिम, वंदेम वर्तमानकाल में अन्य धातुओं के रूप भी इसी प्रकार होंगे। कुछ धातुएँ पूर्व के पाठों में दी जा चुकी है। कतिपय धातुओं के मूलरूप इस तरह हैं
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प्राकृत सीखें : ३९
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