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( बुद्धिमान पुरुष बैर नहीं रखते हैं), ते जयउरे वसंति (वे जयपुर रहते हैं), मूढा कामेसु मुज्झति ( मूढ़ काम विषयों में मुग्ध होते हैं), तुमं पोत्थयं पढसि (तुम पुस्तक पढ़ते हो ), तुमं धावसि (तुम दौड़ते हो ), तुम्हे खेत्ते खेलित्था (तुम लोग मैदान में खेलते हो ), तुम्हें कि जाणेह (तुम लोग क्या जानते हो), मत्थयेण महावीरं वंदामि ( सिर से महावीर को प्रणाम करता हूँ या महावीर को मस्तक झुकाता हूँ), अहं सच्चं बोल्लामि ( मैं सच बोलता हूँ), हं कण्णेहिं सुणेमि ( मैं कानों से सुनता हूँ), अम्हे महावीरो पणमामो ( हम महावीर को प्रणाम करते हैं), अम्हे उज्जाणे चिट्ठेसु (हम लोग उद्यान में बैठते हैं) ।
हिन्दी में अनुवाद कीजिये
सो धणं दाअइ । ते नअरं निवसंति । तुमं भोअणं खाअसि । तुम्हे गिरिणो पडित्था । हं मुणिणो अच्चेमि । अहं पोत्थयं भणामि । हं बड्ढमाणं वंदामि । अम्हे इसीणं (ऋषि) कज्जं करिमो | अम्हे भवंतं नमामो । ते गिरं झाअन्ति । को पुरिसो मुणिणो समीवं पढइ ?
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प्राकृत में अनुवाद कीजिये
वह जानता है । वह गाँव जाता है। राम पूजा करता है। वे ध्यान करते हैं । वे घर में रहते हैं । तुम सब बोलते हो। तुम पुस्तक लिखते हो। तुम खेलते हो। तुम महावीर की वन्दना करते हो। मैं पूछता हूँ । पर्वत से गिरता हूँ। हम सामायिक करते हैं । हम प्रतिदिन मंदिर जाते हैं ।
तात्कालिक वर्तमान के प्रयोग
प्राचीन प्राकृत में तात्कालिक वर्तमान के प्रयोग प्रायः नहीं मिलते । कोई क्रिया जब की जा रही होती है तब उसे तात्कालिक वर्तमान कहते हैं; यथा -- वह जा रहा है-सो गच्छंतो अत्थि । यदि प्राकृत में इस प्रकार के वाक्यों का अनुवाद करना हो तो मूल धातु में 'न्त' प्रत्यय जोड़कर कर्ता के वचन के अनुरूप 'अस्थि' या 'संति' क्रिया लगाना चाहिये । उक्त कथन नीचे दिये जा रहे उदाहरण वाक्यों से स्पष्ट हो जाएगा
प्राकृत सीखें: ४१
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