Book Title: Prakrit Sikhe
Author(s): Premsuman Jain
Publisher: Hirabhaiya Prakashan

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Page 72
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir क-क्ख : निष्क्रमण-निक्खमण थ्य-च्छ : मिथ्या-मिच्छा... स्क-क्ख : प्रस्कन्दन-पक्खंदण प्स-च्छ : लिप्सा-लिच्छा... स्ख-क्ख : प्रस्खलित-पक्खलित ई-च्छ : मूळ-मुच्छा ग्न-ग्ग : नग्न-नग्ग श्च-च्छ : पश्चात्-पच्छा ग्म-ग्ग : युग्म-जुग्ग स्त-च्छ : विस्तीर्ण-विच्छिन्न ग्य-ग्ग : योग्य-जोग्ग ज्य-ज्ज : आज्य-अज्ज (घी) ग्र-ग्ग : अग्र-अग्ग : इज्या--इज्जा (दान) ज्र-ज्ज : वन-वज्ज न्य-ण : अन्य-अग्ण ज्व-ज्ज : प्रज्वलन-पज्जलण न्व-ण : अन्वर्थ-अण्णत्थ ज्ञ-ज्ज : सर्वज्ञ-सव्वज्ज म्न-ण : प्रद्युम्न-पज्जुण्ण द्य-ज्ज : अद्य-अज्ज ण-ण : वर्ण-वण्ण . ब्ज-ज्ज : अब्ज-अज्ज (कमल) क्ष्ण-ह : तीक्ष्ण-तिण्ह य्य-ज्ज : शय्या-सज्जा श्न-ह: प्रश्न-पण्ह र्य-ज्ज : आर्या-अज्जा ष्ण-ह : उष्ण-उण्ह. र्ज-ज्ज . वर्जन-वज्जण स्न-ह : स्नाति-प्रणाइ यं-ज्ज . वयं-वज्ज हण-ह : पूर्वाह ण-पुवण्ह ध्य-ज्झ : मध्य-मज्झ ह.न-ह : मध्याह न-मज्झण्ह ध्व-ज्झ : बुद्ध्वा-बुज्झा क्त-त्त : भुक्त-भुत्त . ह य-ज्झ : बाह्य-बज्झ त्न-त्त : यत्न-जत्त त्त-ट्ट : पत्तन-पट्टण (नगर त्म-त : आत्मा-अत्ता त-ट्ट : नर्तकी-नट्टई त्र-त्त : पात्र-पत्त ष्ट-ट्ठ : कष्ट-कट्ट त्व-त्त : सत्व-सत्त ष्ठ-ट्ठ : निष्ठुर-निठुर प्त-त्त : प्राप्त-पत्त र्थ-8 : अर्थ-अट्ठ त-त्त : वार्ता-बत्ता त-ड्डा : गर्ता-गड्डा क्थ-स्थ : सिक्थ-सित्थ (मोम) र्द-ड्ड : विच्छद-विच्छड्ड त्र-त्थ : यत्र-जत्थ छ्-च्छ : कृच्छ्-किच्छ (कष्टकर) र्थ-स्थ : अर्थ-अत्थ त्स-च्छ : वत्स-वच्छ स्त-स्थ : हस्त-हत्थ त्स्य-च्छ : मत्स्य-मच्छ स्थ-त्थ : प्रस्थ-पत्थ (दृढ़, यात्रा ढ्य-ड्ढ : आढ्य-अड्ढ (विपुल) के लिए जाने वाला) द्ध-ड्ढ : आढ्य-अड्ड (विपुल) द्ध-ड्ढ : ऋद्धि-रिड्ढि द्व-द्द : प्रद्वेष-पद्देस र्ध-ड्ढ : वर्धमान-वड्ढमाण ब्द-द्द : अब्द-अद्द (वर्ष) his his lo प्राकृत सीखें : ७१ For Private and Personal Use Only

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