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मूल क्रिया
वचन
(घ) क्रियारूप
हरन्ति
काल वर्तमान
पुरुष अ०० ........
ब०व० ............
थुवन्ति
उग्गम
......
अर्थ
(क) कृदन्त
पहिचान मूलक्रिया प्रत्यय निम्मिया बनाये गये हैं भूतकाल निम्म
इ+य जाओ उत्पन्न
भूतकाल अनियमित वडिढओ बढ़ा
भूतकाल वड्ढ
इ+अ पयडिओ
लक्खिज्जइ देखा जाता है कर्मवाच्य लक्ख इज्ज+इ . वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
सही उत्तर का क्रमांक कोष्ठक में लिखिए : १. दुर्जन व्यक्ति के द्वारा मलिन किये जाने पर सज्जन होता है -
(क) अधिक क्रोधी (ख) गुणहीन
(ग) अधिक निर्मल (घ) आनन्द रहित [ ] २. सज्जन लोगों के स्नेह की उपमा दी गयी है
(क) फल युक्त वृक्ष से (ख) सूर्य और कमल से (ग) चाँदनी से
(घ) बिजली की चमक से [ ] लघुत्तरात्मक प्रश्न : प्रश्न का उत्तर एक वाक्य में लिखिए : १. सज्जन व्यक्ति के कौन से दो गुण पर्याप्त हैं ? २. सज्जनों के हृदय सम्पत्ति और विपत्ति में कैसे होते हैं ? ३. यह पृथ्वी किनसे अलंकृत है ? निबन्धात्मक प्रश्न एवं विशदीकरण : (क) 'सज्जन-स्वरूप' का सार अपने शब्दों में लिखिए। (ख) गाथा नं. ४, १० एवं ११ का अर्थ समझाकर लिखिए।
प्राकृत काव्य-मंजरी
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