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मूलक्रिया अब्भस
काल वर्तमान
वचन ए०व०
अपु०
क्रियारूप अन्भसइ खणे वच्चसु दाही कृदन्त आराहिआ गहेऊरण पडि संपत्तो
अर्थ
बच्च
आज्ञा दा
भविष्य
पहिचान पूजा की गई भू०पू० ग्रहण कर सं०कृ० गिर गया भू० कृ० पहुंचा भू००
म.पु. अपु. मूलक्रिया आराह गहि पड संपत्त
ए०व० ए०व० प्रत्यय
इ+अ इ+[ए] ऊरण
इ+अ
. वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
सही उत्तर का क्रमांक कोष्ठक में लिखिए : १. व्यापारी ने प्राप्त करना चाहा था -
(क) जहाज (ख) धनसम्पत्ति (प) चिंतामणि रस्न । (घ) अन्थ
[] २. वह जहाज पर चढ़कर गया - (क) उज्जैनी (ख) श्रीलंका (ग) समुद्र
रत्नदीप
४. लघुत्तरात्मक प्रश्न :
प्रश्नों के उत्सर एक वाक्य में लिखिए: ... १. व्यापारी को देवी ने क्या कहा ?
२. समुद्र के बीच में व्यापारी क्या सोचने लगा?
३. समुद्र में रत्न क्यों गिर गया ? ५. निबन्धात्मक प्रश्न एवं विशदीकरण :
(क) चिन्तामणिरत्न और मनुष्यजन्म की तुलना ५-७ वाक्यों में कीजिए। (ख) पाठ का सार अपने शब्दों में लिखिए। (ग) गाथा नं० २ एवं १३ का अर्थ समझाकर लिखो।
आकृत काव्य-मंजरी
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