Book Title: Prakrit Kavya Manjari
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Rajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur

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Page 200
________________ सन्दर्भ ग्रन्थ-सूची १. हेमशब्दानुशासन : आचार्य हेमचन्द्र, बाम्बे संस्कृत एण्ड प्राकृत सीरीज ६०, १६३६ । २. प्राकृतमार्गोपदेशिका : पं० बेचरदास दोशी, दिल्ली ३. पाइयसद्दमहाण्णव : प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, वाराणसी,१९६३ ४. प्राकृत भाषा एवं : डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री, तारा पब्लिकेशन वाराणसी, साहित्य का आलोचना- १९६६ त्मक इतिहास ५. पाख्यानमणिकोश : सं० - मुनि श्री पुण्यविजय, प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, वाराणसी, १९६२ ६. अभयक्खायं : सं०- डॉ० के० आर० चन्द्रा, सरस्वती पुस्तक भण्डार अहमदाबाद ७. वज्जलग्गं : सं० - प्रो० एम० वी० पटवर्धन, प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, अहमदाबाद १९६६ ८. कुम्मापुत्तचरियं : सं० - के० बी० अभ्यंकर ६. मुणिपइचरियं : सं० - आर० विलियम्स, रॉयल एशियातिक सोसायटी लन्दन, १९५६ १०.प्राकृत गद्य-पद्य-संग्रह : प्र० - गुजरातराज्य शाला पाठ्यपुस्तक मण्डल, भाग-११ अहमदाबाद, १९७६ ११. सुरसुन्दरीचरियं : सं० - श्री राजविजय, जैन विविध साहित्य शास्त्रमाला, वाराणसी, १६३६ प्राकृत काव्य-मंजरी Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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