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13. (जो) अरहंत द्वारा प्रतिपादित अर्थ गणधर' देवों द्वारा (शब्द-रूप में)
भली प्रकार से रचा हुआ (है), (उस) श्रुत-ज्ञानरूपी महासमुद्र को भक्ति-सहित (मैं) सिर से प्रणाम करता हूँ।
14.
(जो) स्व-सिद्धान्त तथा पर-सिद्धान्त का ज्ञाता (है), (जो) सैंकड़ों गुणों से युक्त (है), (जो) गम्भीर, आभायुक्त, सौम्य (तथा) कल्याणकारी (है), (वह ही) (अरहन्त के द्वारा प्रतिपादित) सिद्धान्त के सार को कहने के लिए योग्य (होता है)।
1.
अरहंत के द्वारा उपदिष्ट ज्ञान को शब्दबद्ध करनेवाले।
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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