Book Title: Nitivakyamrut Author(s): Somdevsuri, Sundarlal Shastri Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar View full book textPage 6
________________ (張 प्रथम पुष्प द्वितीय पुष्प तृतीय पुष्प चतुर्थ पुष्प पंचम पुष्प पिष्टम पुष्प सप्तम पुष्प अष्टम पुष्प 卐 五五五五五五海海事 筑 卐 過 आचार्य ज्ञानसागर जी द्वारा रचित आचार्य ज्ञानसागर जी द्वारा रचित मुनिश्री सुधासागरजी महाराज के प्रवचनों का संकलन डॉ. श्रीमति विजयलक्ष्मी जैन डॉ. रमेशचन्द जैन, बिजनौर - डॉ. नरेन्द्रकुमार द्वारा लिखित - डॉ. रमेशचन्द्र जैन, बिजनौर नवम पुष्प आदि ब्रह्मा ऋषभदेव डॉ. श्रीमति विजयलक्ष्मी जैन बैस्टिर चम्पतराय जैन दशम पुष्प मानव धर्म पं. भूरामलजी शास्त्री ( आचार्य ज्ञानसागरजी ) एकादशं पुष्प नीतिवाक्यामृत श्रीमत्सोमदेवसूरि विरचित यह ग्रंथ प्रकाशित किया जा रहा है। इस ग्रंथ में आचार्य महाराज ने राजा एवं राज्य व्यवस्था समाज एवं समाज व्यवस्था अर्थ एवं अर्थ व्यवस्था जीवन एवं जीवन व्यवस्था आदि जीवनोपयोगी जीवन चर्या 筑 का वर्णन नीतिवाक्यों को विद्या में उपदेशित किया है। इस ग्रंथ का स्वाध्याय राष्ट्र समाज परिवार एवं स्वजीवन को सुदृढ़ बनाने वाला है। इस ग्रंथ का प्रकाशन पूर्व में पं. सुन्दरलाल शास्त्री, देहली ने बहुत ही परिश्रम के साथ किया गया था । 筑 - - - - - - इतिहास के पन्ने हित सम्पादक तीर्थ प्रवर्तक जैन राजनैतिक चिन्तन धारा 廣廣 अञ्जना पवनंजयनाटकम् - जैनदर्शन में रत्नत्रय का स्वरूप - बौद्ध दर्शन पर शास्त्रीय समिक्षा जैन राजनैतिक चिन्तन धारा - - फ्र वर्तमान में यह ग्रंथ प्राप्त है । देश समाज एवं वर्तमान जीवन के लिए इस ग्रंथ की महत्त उपयोगिता को देखते हुये यथावत पुनः प्रकाशित करके भव्य जीवों के करकमलों में स्वाध्याय हेतु समर्पित किया जा रहा है । 廣 筑 अन्त में मैं पूर्व प्रकाशन, प्रकाशक एवं अनुवादक का आभार प्रदर्शित करता हूँ । 筑 筑 अरुणकुमार शास्त्री व्यावर 筑 बमPage Navigation
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