Book Title: Mohonmulanvadsthanakam
Author(s): Jaysundarvijay, Mahabodhivjay
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust

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Page 34
________________ १० कल्याणकलिका भाग - २ [प्र.श्रीकल्याणविजयशास्त्रसंग्रहसमिति - जालोर, वि.सं. २०९२] ११ तिलकमञ्जरी [प्र. लालभाइ दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर, अमदावाद - ९, १९९१] १२ निशीथसूत्रम् - (भाष्य- चूर्णिसहितम्) भाग - ४ [प्र.भारतीयविद्याप्रकाशन, दिल्ली- वाराणसी, सन्मतिज्ञानपीठ, आगरा · - राजगृह द्वितीय संस्करण - १९८२ ] १३ पञ्चवस्तुकः (स्वोपज्ञवृत्तिसहितः ) [प्र.श्रीजिनशासन आराधना ट्रस्ट, मुंबई - २] १४ पञ्चाशक ग्रन्थः सटीकः [प्र. श्रीजैनधर्मप्रसारकसभा, भावनगर, वि.सं. १९६९] १५ पाणिनीयव्याकरणमहाभाष्यम् - प्रथमखण्डम् [प्र. पांडुरङ्ग जावजी मुंबई] १६ पिण्डनिर्युक्तिवृत्तिः [प्र.देवचन्द्रलालभाइ जैनपुस्तकोद्धारभाण्डागारसंस्था] १७ प्रतिमाशतकम् (स्वोपज्ञवृत्तिसहितम्) 33 - [प्र. अंधेरीगुजराती जैन संघ, ईर्लाब्रीज, मुंबई - ५६ ] १८ प्रबचनसारोद्धारः सटीकः खण्ड १-२ [प्रकाशक : भारतीय प्राच्यतत्त्वप्रकाशक समिति, पिंडवाडा, वि.सं. २०३६-२०३९] १९ प्रशमरतिप्रकरणम् - (बृहद्गच्छीयश्रीहरिभद्रसूरिविरचितविवरणयुतम् ) [प्र० श्रेष्ठि देवचन्द्र लालभाई जैन पुस्तकोद्धार संस्था, वि.सं. १९९६ ] २० बृहत्कल्पसूत्रम् (निर्युक्ति - भाष्य - टीकासहितम् ) विभाग १ से ६ [प्र. श्रीजैन आत्मानंदसभा, भावनगर ]

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