Book Title: Mastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Author(s): Sudhir V Shah
Publisher: Chetna Sudhir Shah

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Page 13
________________ एवं मूवमेन्ट डिसोर्डर्स और मस्तिष्क की शस्त्रक्रिया - न्यूरोसर्जरी संबंधित प्रकरण का समावेश किया गया है । इसके उपरांत लकवा और न्यूरोपथी एवं मस्तिष्क के संक्रमण के प्रकरणों को नयेसर से विस्तारपूर्वक निरुपित किया गया है। और जहाँ आवश्यकता लगी, वहाँ नई दवा और उपचार की पद्धतियाँ का भी समावेश किया गया है । लोगों को पर्याप्त जानकारी मिले इसका खास ध्यान रखा गया है । इस संस्करण में गुरुवर्य श्री डॉ. गुणवंतभाई ओझा साहब ने सलाहसूचन के साथ मार्गदर्शन दिया है । और पुस्तक संबंधित अपना प्रतिभाव व्यक्त किया है। इसलिए मैं उनका भी अंतःकरण से आभार व्यक्त करता हँ । न्यरो-रेडियोलोजी प्रकरण की मदद से डॉ. हेमंत पटेल (एम.डी. रेडियोलोजी)ने सी.टी. स्केन, एम.आर.आई. के बारे में सुंदर जानकारी दी है । इसलिए मैं उनका भी आभारी हूँ । इसके उपरांत न्यूरोसर्जरी प्रकरण में विशेष जानकारी देने वाले डॉ. परिमल त्रिपाठी का भी आभार व्यक्त करता हूँ। प्रथम संस्करण के जैसे ही इसमें भी मेरी धर्मपत्नी चेतना शाह ने सुंदर टाइम मेनेजमेन्ट किया और उसमें विशेष रस लेकर सलाह-सूचन भी दिये है । स्नेही श्री उपेन्द्र दिव्येश्वर ने सतत अनुसरण कर इस संस्करण के प्रकाशन में सक्रिय रस लिया है जिसे मैं सहर्ष स्वीकार करता हूँ। इसके उपरांत सीनियर डॉक्टरों, शुभेच्छकों, मित्रों और विवेचको ने इस संस्करण में सलाह-सूचन देकर मुझे सतत प्रोत्साहन और प्रेरणाबल दिया है, इसलिए वे भी आभार के पात्र हैं । श्री मुद्रेश पुरोहित (सूर्या ऑफसेट) ने भी इसमें रस लेकर सुंदर मावजत और सहकार से इस पुस्तक का द्वितीय संस्करण तैयार किया है । मैं उनका भी आभारी हूँ । साथ ही साथ इस पुस्तक के प्रेरकबल मेरे मरीज़ भी कैसे भुलायें जा सकते है ? अंत में इक्कीसवीं शताब्दि में सभी का स्वास्थ्य उत्तम रहे ऐसी परमकृपालु परमात्मा से प्रार्थना करता हूँ। डो. सुधीर वी. शाह एम. डी., डी. एम. (न्यूरोलोजी) 'महाशिवरात्रि' संवत 2057, महावद तेरस ता. 21 फरवरी, 2001 अहमदाबाद. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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