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जिन्होने पर्याय गत अह को गौण करके द्रव्यगत अह के
दिग्ददर्शन की सम्यक् विधि प्रतिपादित की
और
जिन्होने मिथ्यात्व पर सम्यवत्व की स्वार्थ पर आत्मार्थ की ससार पर मुक्ति की
विजय दुन्दुभि वजाई
उन
'महावीर श्री के युग चरणो मे मेरा बारम्बार नमन परम-पुनीत पच्चीस वे शतक पर भाव-भीनी विनयाञ्जलि तार सेठी
टेलीफोन ८१, २३ निवास ३१
अर्पयिता - फर्म धन्नालाल गुलावचंद सेठी अनाज तिलहन के व्यापारी एव कमीशन एजेन्ट अधिकृत वितरक :-इण्डियन आइल कारपोरेशन लि.
मु. पो. खुरई (जिला सागर) म प्र.