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थेयां छूने की क्रीड़ा में रत मायावी संगमदेव और वर्द्धमान कुमार
श्वेताम्बर शास्त्रो से आधरित
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अत पराजित होकर सगम बन कर सखा खेलने आया । थेया छूने की क्रीडा मे वर्द्धमान ने उसे हराया । इतने पर भी सुर सगम ने उनकी शक्ति नही पहिचानी । अत पुन उस मायावी ने उन्हें गिराने की विधि ठानी ||
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