Book Title: Mahavira Chitra Shataka Author(s): Kamalkumar Shastri, Fulchand Publisher: Bhikamsen Ratanlal Jain View full book textPage 319
________________ ____ महावीर श्री का महापरिनिर्वाण - - - - - - - - - - - - - - - -- - - R MARHI - 2012 - ----- कार्तिक कृष्ण अमावस की थी सुप्रभात वह मगल वेला। सिद्धालय में हुआ विराजित सन्मति प्रभु का जीव अकेला ॥ अप्ट कर्म कर नष्ट सिद्ध पद पा जाते है विशला नन्दन । जान शरीरी सिद्ध प्रभु के चरण-कमल मे शत शत वदन ।। (१४७)Page Navigation
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