Book Title: Mahavira Chitra Shataka
Author(s): Kamalkumar Shastri, Fulchand
Publisher: Bhikamsen Ratanlal Jain

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Page 298
________________ हिसक वन्य पशुओं के वेश में रुद्रकृत उपसग *100 श्वेताम्बरशास्त्रोसे आधारित " धीर वीर गभीर सौम्य श्री शान्त सहिष्णु वीर की मुद्रा । आत्म शक्ति से हार गई थी क्षुद्र - रुद्र की माया रुद्रा || रुद्र रौद्र परिणामो द्वारा नरक आयु का पात्र होगया । मु-विख्यात अतिवीर नाथ का तप कर स्वर्णिम गात्र होगया || (१२६ )

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