Book Title: Mahavira Chitra Shataka
Author(s): Kamalkumar Shastri, Fulchand
Publisher: Bhikamsen Ratanlal Jain

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Page 297
________________ रुद्र कृत उपसर्गों के विजेता महावीर OPE " Y - - - - S 1M 4 Aam VASNA min 101 - - TKOM M ग्यारहवाँ भव रुद्र वीर के तप की कठिन परीक्षा लेने । उज्जयिनी के श्मसान मे जोर-जोर से लगा गरजने ।। किन्तु विदेहीनाथ वीर को क्षपकश्रेणि मय शुक्ल ध्यान था। उनकी जान चेतना को पर नश्वर तन का कहाँ भान था?|| (१२५)

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