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सौधर्म स्वर्ग का देव "सिंह केतु"
(सिह का जीव) (महलक्ति में तल्लीन) जिनेन्द्र अभिषेक
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नम्बवन्द नहित जव मरण किया सौधर्म स्वर्ग का देव हआ। श्री सिंहवेनु सजा उसकी अरिहत भक्त स्वयमेव हुआ ॥ अभिक जिनेश्वर का करता वह् सम्यक् दण्टी भव्य महा । चन माधन धर्मागध्रन ही था उसका निज कर्त्तव्य वहाँ ।।