Book Title: Kulingivadanodgar Mimansa Part 01
Author(s): Sagaranandvijay
Publisher: K R Oswal

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Page 4
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir । 3 -00 -00 - -00 - - -00D propDICCS ॐ अहन्नमः । विना टाला-ठूली के शीघ्र ही तैयार हो जाओ । शास्त्रार्थ के लियेपांचवीं वार आव्हान (चेलेंज) - - श्रीमान् सागरानन्दसूरिजी! ___ आपको मालवा देश के रतलाम सी. आई. और सेंवलिया में शास्त्रार्थ कर लेने के लिये तीन मर्त्तवा मुद्रित प्रतिज्ञा और नियम के साथ जाहिर चेलेंज दिये गये । लेकिन वहाँ आपने सभा में शास्त्रार्थ की असमर्थता से हेन्डबिलों के जरिये ही शास्त्रार्थ || चालु रखने की मांगणी की । आपकी इस निर्बल मांगणी को भी मंजूर करके हमने अपनी मान्यता के दर्शक मय शास्त्र सबूतों के हेन्डबिल पबलिक आममें जाहिर करना शुरू किये । परन्तु उनका भी जवाब न दे सकने के कारण आखिर आपने महाराजा रतलाम-नरेश के दीवान साहब की खुशामद करके उनके मारफत जजसाहब को भेजा कर हेन्डबिल - -001 -00 100 For Private And Personal Use Only

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