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ॐ अहन्नमः । विना टाला-ठूली के शीघ्र ही तैयार हो जाओ ।
शास्त्रार्थ के लियेपांचवीं वार आव्हान (चेलेंज)
- - श्रीमान् सागरानन्दसूरिजी! ___ आपको मालवा देश के रतलाम सी. आई.
और सेंवलिया में शास्त्रार्थ कर लेने के लिये तीन मर्त्तवा मुद्रित प्रतिज्ञा और नियम के साथ जाहिर चेलेंज दिये गये । लेकिन वहाँ आपने सभा में शास्त्रार्थ
की असमर्थता से हेन्डबिलों के जरिये ही शास्त्रार्थ || चालु रखने की मांगणी की । आपकी इस निर्बल
मांगणी को भी मंजूर करके हमने अपनी मान्यता के दर्शक मय शास्त्र सबूतों के हेन्डबिल पबलिक आममें जाहिर करना शुरू किये । परन्तु उनका भी जवाब न दे सकने के कारण आखिर आपने महाराजा रतलाम-नरेश के दीवान साहब की खुशामद करके उनके मारफत जजसाहब को भेजा कर हेन्डबिल
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