Book Title: Karnanuyog Praveshika
Author(s): Kailashchandra Shastri
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 10
________________ विषयानुक्रमणी ६ प्रश्नांक उदयके भेद १२५ अन्तर ६०२ ७३ ३१७ प्रश्नांक उत्कृष्ट स्थितिबन्ध किसके ५४७ उपशान्त कषाय गुणस्थानमें उत्सेधांगुल उदय ६८० उत्सेधांगुलसे माप किसका? ३१ उपशान्त कषाय गुणस्थानमें उदय ५७८ उदयव्युच्छित्ति ६८१ ५७६ उपशान्त कषाय गुणस्थानमें सत्ब ७०२ उदयावली ५८१,७३६ उपशान्त कषाय और क्षीण उदोरणा ५८० कषायमें अन्तर उद्धारपल्य उपशमकरण ५६८ उद्योत नामकर्म ५०४ उपशमके भेद उद्वेलन प्रकृतियां ५६१ उपशम भाव और उपशमकरणमें उद्वेलन कौन करता है ? । ५६२ उद्वेलन संक्रमण उपकरण (इन्द्रिय) २१२ ऊवलोक उपयोगके भेद २१३ ऋजुमति मनःपर्यय उपघात नामकर्म ५०० ऋजुमति-विपुलमति उपपाद जन्म १८३ में अन्तर ३१६ उपमा मान २३ उपयोग १६६ एक कालमें कितने योग २७८ उपकरणके भेद १६७ एक जीवके अधिकसे उपयोग इन्द्रिय) २१८ अधिक प्रदेशसत्त्व ५७५ उपशम श्रेणी १२१ एक समयमें एक जीवके कितने उपशम श्रेणिके गुणस्थान १२२ कर्म परमाणु बँधते हैं ५३७ उपशम श्रेणिके गुणस्थानोंका एक समयमें बंधे सभी कर्मअंतरकाल ४२७ परमाणुओंकी स्थिति क्या अंतरकालमें जीव संख्या ४०१ समान होती है ५५० उपशम सम्यक्त्व ३५४ एकेन्द्रियके बयालीस भेद १४५ उपशांत कषाय गुणस्थान १३३ एकेन्द्रियके गुणस्थान २२७ उपशांत कषाय गुणस्थानका औ - अन्तरकाल ४२७ औदारिक काययोग २५३ उपशान्त कषाय गुणस्थानमें बन्ध ६५५ औदारिक मिश्रकाययोग २५४ उपशान्त कषाय गुणस्थानमें औदारिक, औदारिकमिश्र बन्धव्युच्छित्ति ६५७ काययोग किसके २६० Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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