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में उपयोगिता, महत्ता और विशेषता १. कर्मविज्ञान का यथार्थ मूल्य निर्णय २. आध्यात्मिक क्षेत्र में : कर्मविज्ञान की उपयोगिता ३. व्यावहारिक जीवन में : कर्म-सिद्धान्त की उपयोगिता ४. नैतिकता के सन्दर्भ में : कर्म-सिद्धान्त की उपयोगिता ५. सामाजिक सन्दर्भ में : उपयोगिता के प्रति आक्षेप और समाधान ६. कर्म-सिद्धान्त की त्रिकालोपयोगिता ७. जैन कर्मविज्ञान की महत्ता के मापदण्ड ८. जैन कर्मविज्ञान की विशेषता ९. जैन कर्मविज्ञान : जीवन-परिवर्तन का विज्ञान १०. कर्मवाद-निराशावाद या पुरुषार्थयुक्त आशावाद? ११. कर्मवाद और समाजवाद में कहाँ विसंगति, कहाँ संगति ?
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