Book Title: Jaipur Khaniya Tattvacharcha Aur Uski Samksha Part 1
Author(s): Vanshidhar Vyakaranacharya, Darbarilal Kothiya
Publisher: Lakshmibai Parmarthik Fund Bina MP

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Page 5
________________ प्रकाशकीय (ख) फण्ड - निधि में वृद्धि करनेका भी संचालक यथासम्भव प्रयत्न करते रहेंगे। यदि इसके लिये कहीं से आर्थिक सहायता प्राप्त होगी तो उसे भी वे सहर्ष स्वीकार करेंगें ! (ग) फण्डकी उद्देश्य पूतिके प्रयत्न में संचालक सतत जागरूक रहेंगे । (घ) फण्डके आय-व्ययका व्यवस्थित हिसाब लिखित रूप में ही रखेंगे । ७ (ङ) आवश्यकता और अनुकूलता के अनुसार उद्देश्य की पूतिके लिये कार्य-प्रणालीको विस्तृत करनेकी ओर भी लक्ष्य रखेंगे । (च) आवश्यकता होनेपर वे इसे पंजीबद्ध भी शासन द्वारा करावेंगे और यदि आवश्यकता हुई तो वे इसे ट्रस्टका रूप देनेमें संकोच नहीं करेंगे । फण्डको निधिको व्यवस्था (क) फण्डकी निधि वर्तमान में फर्म पं० वंशीधर सनतकुमार बीना- इटावा में जमा रखी गई है। भविष्य में भी वहीं जमा रहेगी, जिसके ऊपर फर्म इस पारमार्थिक फण्डको ५० पैसे प्रतिशत माहवारी ब्याज देता है और देता रहेगा । (ख) संचालक समझें तो निधिको किसी बैंक में भी जमा करा सकते हैं । (ग) फण्ड के आय-व्ययका हिसाब वार्षिक तैयार किया जायेगा । वर्षकी समाप्ति कार्तिक यदी अमावसको मानी जावेगी । (घ) उद्देश्य पूर्ति के लिए आवश्यक होनेपर संचालक चाहे जितनी रकम फर्मसे एक मुस्त ले सकेंगे । मैं घोषणा करता हूँ कि इस पारमार्थिक फण्डका निर्माण मैंने स्वेच्छासे अपने तन और मनकी पूर्ण स्वस्थ अवस्था में बिना किसी भय व द बावके लिखकर कर दिया सो सनद रहे । दिनांक १२ नवम्बर सन् १९७७ मिति कार्तिक सुदी २, संवत् २०३४ शनिवार व कलम खुद वंशीधर शास्त्रीको । दः वंशीधर शास्त्री गवाहः १. उपर्युक्त पारमार्थिक फण्डका निर्माण पं० वंशीधरजीने स्वयं लिखकर किया और मेरे सामने स्वेच्छा से हस्ताक्षर किये - - (सही) दः बालचन्द शास्त्री दिनांक १२-११-७७ । २. उपर्युक्त पारमार्थिक फण्डका निर्माण पं० वंशीधरजीने स्वयं लिखकर किया और मेरे सामने स्वेच्छासे हस्ताक्षार किये - (सही) द: दुलीचंद्र, दि० १२-११-७७ । फण्डको प्रवृत्तियां वर्तमानमें इसी आधार पर हैं। push आमव्ययका हिसाब दिनांक १२-११-७७ से २७-१०-८१ तकका निम्न प्रकार है

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