Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 06
Author(s): Hansraj Baccharaj Nahta, Bhairodan Sethiya
Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner

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Page 15
________________ [१३] बोल नं0 पृष्ठ बोल नं. पृष्ट ६५४ विद्यमान पदार्थ की अनु- १५५ सत्ताईस गुण साधु के २२८ पलब्धि के इक्कीस ११६ सभिक्खु अ० को कारण इक्कीस गाथाएं दश१३३ विनय समाधि पर वैकालिक अ०१०) १२६ की चौवीस गाथाएं २०१/६३१ समाधि अध्ययन १० ६१० विपाक सूत्र की बीस (सूयगडांग सूत्र) कथाएं की चौबीस १०३ विहरमान बीस गाथाए ६५५ वीरत्थुई (महावीर 3 ३ समाधि (विनयसमाधि) स्वामी की स्तुति) को अ. दशवकालिक उनतीस गाथाए । अ० उ०२) की ६४४ वैमानिक देव के चौषीस गाथाय २०१ छब्बीस भेद २२७ १४२ साढे पच्चीस आर्य ६१८ व्रत धारण नहीं करने वाने के लिये क्या ६५३ सातवें उपभोग परि भोग परिमाण व्रत में प्रतिक्रमण आवश्यक छन्त्रीस बोलों की मर्यादा २२५ ६१३ शबल दोप इक्कीस ६ .६१६ साधु का स्वरूप बताने वाली दशवैकालिक ६१८ भावक का सूत्र पढ़ना अ० १० की इक्कीस ___क्या शाख सम्मत है? १५० गाथाए' १२६ १११ श्रावक के इक्कीस गुण ६१/११७ साधु की चारित्र विधि ६०१ श्रुत ज्ञान के बीस भेद ३ विपयक इक्कीस गाथाएं ११८ संघ तीर्थ है या तीर्थ- ३२३ साधु के उतरने योग्य तथा अयोग्य स्थान ६०८ सवर के बीस भेद २५ तेईस १७० २३२ र तीर्थ (२) १३४ तेईस

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