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अलावा और कोई आधार है; जिस पर से आठ कर्म हैं यह सिद्ध हो सके ?
उत्तर - कर्म आठ हैं शास्त्रो मे तो है ही परन्तु देखो कार्य के ऊपर से कारण का अनुमान लगाया जाता है ।
वेदनीय कर्म - ( १ ) एक जीव रोगी है, एक निरोगी है। (२) एक एक के पास लाखो करोड़ो रुपया है, एक के पास फूटी कोडी भी नही, इससे वेदनीय कर्म की सिद्धि होती है ।
नामकर्म - ( १ ) एक तो जहाँ जाता है मान मिलता है, एक जहाँ जाता है अपमान मिलता है। (२) एक रूपवान है, एक कुरूपवान है । इससे नामकर्म की सिद्धि होती है ।
आयु कर्म - ( १ ) एक की सौ वर्ष की उम्र है, एक की पचास वर्ष की उम्र है । (१) कोई गर्भ मे मर जाता है, एक तीन वर्ष मे ही चल देता है इस से आयु कर्म की सिद्धि होती है ।
एक को ऊचेपने से इससे गोत्र कर्म की बनता है यदि और
गोत्र कर्म - ( १ ) एक जैन है, एक शूद्र है। (२) देखा जाता है, एक को नीचेपने देखा जाता है। सिद्धि होती है । देखो, सयोग चार प्रकार का ही कोई सयोग देखने मे आता है तो बताओ। इसलिए चार प्रकार के सयोग के अलावा और बनता ही नहीं, इससे चार अधाति कर्मों की सिद्धि होती है ।
ज्ञानावरणीय कर्म - ( १ ) एक के ज्ञान का उघाड ऐसा है एक ही वार मे सब बाते याद हो जाती हैं, (२) एक के ज्ञान का उघाड ऐसा है ५० वार सुनने पर भी याद नही होता । इससे ज्ञानावरणीय कर्म की सिद्धि होती है ।
दर्शनावरणीय कर्म – जहाँ विशेष ज्ञान होता है वहाँ पर सामान्य दर्शन होता ही है इसमे दर्शनावरणीय कर्म की सिद्धि होती है ।
मोहनीय कर्म -- ( १ ) एक को विशेष राग दिखाई देता है, एक को