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अपादान हुआ, (६) रोटी किसके आधार से बनी। आटे के आधार से बनी । अत आटा अधिकरण हुआ।
प्रश्न २५७-रोटी का कर्ता आपने आटे को कहा। परन्तु आटा तो कनस्तर में पड़ा है, अव रोटी क्यो नहीं बनती ? तो कहना पड़ेगा बाई, चकला, बेलन आवे तो रोटी बने, क्या यह बात ठीक नहीं है ?
उत्तर-नही भाई, हमने आटे को कर्ता कहा, वह तो मात्र पर द्रव्यो से दृष्टि हटाने के लिए कहा। रोटी का कर्ता तो उसकी अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय लोई क्षणिक उपादान कारण है।
प्रश्न २५८-रोटी का कर्ता अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय लोई क्षणिक उपादान कारण और रोटी कर्म, तो इसको जानने से क्या लाभ रहा?
उत्तर--(१) भूत-भविष्य की पर्यायो से दृष्टि हट गई (२) अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय की अपेक्षा आटा व्यवहार कारण हो गया। (३) अव रोटी के लिये अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण लोई की ओर देखना रहा।
प्रश्न २५६-रोटी बनी-अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण लोई को अपेक्षा छह कारक लगाकर दिखाओ।
उत्तर-रोटी बनी-यह कार्य है, कार्य पर से छह प्रश्न उठते हैं। (१) रोटी किसने बनाई ? अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण लोई ने । अत लोई कर्ता हुई, (२) अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादन कारण लोई ने क्या किया ? रोटी बनाई । अत रोटी कर्म हुई, (३) रोटी किस साधन द्वारा बनी ? अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण लोई के साधन द्वारा । अत लोई करण हुई (४) किसके लिए रोटी बनाई ? अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण लोई के लिए। अत लोई सम्प्रदान हुई, (५) रोटी किसमे से बनाई ? अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान लोई मे से। अत लोई अपादान हुई, (६) रोटी किसके