________________ ( 177 ) आरोप आ सके / उस ज्ञान, बोलने और मुंह खुलने को निमित्त कारण कहते हैं। D. प्रश्न १-राग, बोलना, मुंह खुलने के कारण ज्ञान हुआ-इस वाक्य पर निमित्त की परिभाषा लगाकर बताओ? __ उत्तर-राग, बोलना, मुंह खुलना स्वय स्वत ज्ञानरूप परिणमित ना हो, परन्तु ज्ञान की उत्पत्ति मे अनुकूल होने का जिस पर आरोप आ सके / उस राग, बोलना, मुंह खुलने को निमित्त कारण कहते हैं। A. प्रश्न २-मैं मुंह से बोला-इस वाक्य पर निमित्त-नैमित्तिक सम्बन्ध की परिभाषा लगाकर बताओ? उत्तर-जब भाषा वर्गणा स्वय स्वत बोलने रूप परिणमित होता है तब जान, राग और मुंह भावरूप किस उचित निमित्त कारण का बोलने के साथ सम्बन्ध है। यह बतलाने के लिए बोलने के कार्य को नैमित्तिक कहते हैं / इस प्रकार ज्ञान, राग, मुंह और बोलने के भिन्नभिन्न पदार्थों के स्वतन्त्र सम्बन्ध को निमित्त-नैमित्तिक सम्बन्ध कहते हैं। ____B. प्रश्न २-ज्ञान, राग और बोलने के कारण मुंह खुला-इस वाक्य पर निमित्त-नैमित्तिक सम्बन्ध की परिभाषा लगाकर बताओ? उत्तर-जब मुंहरूप आहार वर्गणा स्वय स्वत मुंह खुलने रूप परिणमित होता है। तव ज्ञान, राग और बोलने के भावरूप किस उचित निमित्त कारण का मुह खुलने के साथ सम्बन्ध है / यह बतलाने के लिए मुह खुलने रूप, कार्य को नैमित्तिक कहते है। इस प्रकार ज्ञान, राग, बोलना, मुह खुलना रूप भिन्न-भिन्न पदार्थों के स्वतन्त्र सम्बन्ध को निमित्त-नैमित्तिक सम्बन्ध कहते हैं। C. प्रश्न २-~-ज्ञान, बोलने और मुंह खुलने के कारण राम हुमा