Book Title: Jain Agam Itihas Evam Sanskriti
Author(s): Rekha Chaturvedi
Publisher: Anamika Publishers and Distributors P L

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Page 308
________________ 274 • जैन आगम : इतिहास एवं संस्कृति बात की पुष्टि करते हैं कि लिच्छवि गणतन्त्र 7707 राजन्य थे जो एक-दूसरे को छोटा-बड़ा नहीं मानते थे। सब अपने आपको राजा कहते थे जबकि सब का अधिकार बराबर था और वह एक थे। 150 सूत्रकृतांग''' से ज्ञात होता है कि उग्र, भोग इक्ष्वाकु तथा कौरवों की गणना ज्ञातृक तथा लिच्छवियों के साथ उसी प्रकार की गयी है मानो वह सब एक ही परिषद के सदस्य हों। इसी ग्रन्थ में अन्यत्र 52 एक ऐसे शक्तिशाली राजा की चर्चा है जिसने सारे राजनैतिक तथा सैनिक विप्लप दबा दिये हैं। इस राजा की परिषद में उग्र 153 तथा उग्रपुत्र, भोग तथा भोगपुत्र, इक्ष्वाकु तथा इक्ष्वाकुपुत्र, ज्ञातृक तथा ज्ञातृकपुत्र, कौरव तथा कौरवपुत्र, योद्धा तथा योद्धापुत्र, सेनापति तथा सेनापतिपुत्र, ब्राह्मण तथा ब्राह्मणपुत्र और लिच्छवि तथा लिच्छविपुत्र थे । . राजपरिषद में मन्त्रिपद महत्वपूर्ण था क्योंकि राजा मन्त्री की आंखों से देखता है । 1 54 मन्त्री सारी प्रशासनिक गोपनीयताओं से परिचित होता है । अत: राजा उनसे मतभेद नहीं रखते थे । 155 सेना रहित राजा को असहाय माना जाता था । 156 स्वाभाविक ही था कि राजा अपनी सेना पर पर्याप्त ध्यान देता। राज्य के अंग के रूप में सेना की चर्चा प्राप्त होती है। 157 प्रशासनिक इकाइयां प्रशासनिक इकाइयों में ग्राम, नगर निगम व राजधानी की चर्चा प्राप्त होती है । 1 58 इसी प्रकार श्रेणि, मण्डल, द्रोणमुख, पत्तन, आकार, आश्रम, खेट, कर्बट संवाह, सन्निवेश और घोष यह शब्द बस्ती के प्रकार हैं। 159 जिनकी व्याख्या इस प्रकार 1. ग्राम - जो बुद्धि आदि गुणों को ग्रसित करे अथवा जहां 18 अनेक प्रकार के कर लगते हों। 160 जहां कर लगते हों। " जिसके चारों ओर कांटों की बाड़ हो अथवा मिट्टी का परकोटा हो। 162 कृषक आदि का निवास स्थान हो । 163 2. नगर - जिसमें कर लगता हो । 164 जो राजधानी हो । 165 अर्थशास्त्र में राजधानी के लिए नगर या दुर्ग और साधारण कस्बों के लिए ग्राम शब्द प्रयुक्त हुआ है। प्रस्तुत प्रकरण में नगर और राजधानी दोनों का उल्लेख है। इससे ज्ञात होता है कि नगर बड़ी बस्तियों का नाम है, चाहे वह राजधानी हो या न हो । राजधानी वह होती है जहां से राज्य का संचालन होता है। 3. निगम - व्यापारियों का गांव था । 166 4. राजधानी - वह बस्ती जहां राजा रहता हो। 167 जहां राजा का अभिषेक हुआ

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