Book Title: Jain Agam Itihas Evam Sanskriti
Author(s): Rekha Chaturvedi
Publisher: Anamika Publishers and Distributors P L

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Page 365
________________ अनुक्रमणिका • 331 267, 276, 278, 279, 307 . मिलिन्दप्रश्न, 252 महाभाष्य, 91 मुकुन्द, 85, 98 महामाण, 240 मुण्डकोपनिषद, 85, 93 महायान, 172 मुद्गल, 57, 58 महाराष्ट्र, 17 मुनिचन्द्र, 270 महावंश, 71 मूलाचार, 156, 168, 169, 171, 203, महावग्ग, 68, 94, 97, 157, 162, 226, 228, 230 ___163, 167, 252, 254, 278 मूलाराधना, 171, 200, 226, 229 महावस्तु, 277 मृगापुत्र, 34, 298, 299 महावीर, 1, 2, 8-13, 17-19, 22, मृगावती, 270 24-28, 30, 32-36, 44, 49, 50, मेघकुमार, 119 52, 53, 58, 60, 61, 64, 66- मेज्जा , 251 70, 72, 78, 79, 86, 95, 99, मैगस्थनीज, 51, 91, 267 100, महावीर के पंच महाव्रत 101- मोक्ष, 285 105, 111, 114, 115, 118, 119, मोरियपुत्र, 251 133, 146-149, 154-157, 160, मोली, 259, 260 162, 173, 183, 189, 205, 206, मोहनजोदड़ो, 60 237-243, 245, 253-255, 259262, 264, 267, 268, 270, 279, 281, 282, 297, 307 यक्ष, 85, 86, 98, 292 महाशिलाकण्टक संग्राम, 260, 261 यजुर्वेद, 240, 252 महासार्थ माहषेण मइमया, 240 यज्ञदत्त, 76 महाहरी (काम्पिल्यराज), 269 यति, 59 महेन्द्र, 8 यथासूक्ष्म कुशील, 62, 63 महोरग, 297 यथासूक्ष्म पुलाक, 62 माइनर उपनिषद, 161 यथासूक्ष्म बकुश, 62 माणिक चन्द्र, 40 यश, 8, 169 मातृशक्ति, 52 यशा, 284 माथुरी वाचना, 5, 6, 38 यशोविजय, 224 मार्कण्डेयपुराण, 17, 277 याज्ञवल्क्य स्मृति, 93 मालव, 262, 263 युधिष्ठिर, 209 मालवक, 259, 260 योगदर्शन, 169 मालवा, 17 योगशास्त्रवृत्ति, 5, 231, 232 मालविकाग्निमित्र, 279 योगसूत्र, 49, 206, 230 माहण, 238, 240, 250 यौधेय, 262, 263 मिथिला, 17, 34, 146, 147, 242, 251, 275, 283

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